महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार,अजित पवार ने ऐसे दी एकनाथ शिंदे को खुली चेतावनी,सीएम के हिस्से का भी मंत्रालय आया उनके पास

रिपोर्ट:अजय कुमार मिश्रा

महाराष्ट्र में कई दिनों से अटका पड़ा कैबिनेट का विस्तार शुक्रवार को हो गया. डिप्टी सीएम बने एनसीपी नेता अजित पवार को वित्त जैसी बड़ी जिम्मेदारी मिली है. इसके साथ ही उनके हिस्से योजना विभाग भी आया है.वहीं उनके साथ शरद पवार का साथ छोड़कर आए एनसीपी नेता छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और हसन मुशरीफ भी अहम विभाग मिले हैं.सबसे बड़ी बात है, इस कैबिनेट विस्तार में बीजेपी ने अधिकांश विभाग खोकर एनसीपी के नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी है, जबकि सीएम एकनाथ शिंदे को अपना कृषि विभाग गंवाना पड़ा है. हालांकि एनसीपी की ओर से हुई कड़ी सौदेबाजी में सीएम शिंदे बीजेपी पर भारी पड़े हैं.

किसे क्या मिला

वित्त – अजित पवार
कृषि – धनंजय मुंडे
सहकार-दिलीप वलसे पाटिल
चिकित्सा शिक्षा – हसन मुश्रीफ
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति – छगन भुजबल
खाद्य एवं औषधि प्रशासन – धर्मराव अत्राम
खेल – अनिल भाईदास पाटिल
महिला एवं बाल कल्याण – अदिति तटकरे

बता दें कि, महाराष्ट्र में लंबी जद्दोजेहद के बाद आखिरकार सीएम शिंदे ने एनसीपी के नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगा दी है. एनसीपी के कोटे में सात महत्वपूर्ण मंत्रालय आ गए हैं जिनमें वो वित्त मंत्रालय भी शामिल है जिसे लेकर काफी दिनों से रस्साकशी चल रही थी. इसके अलावा एनसीपी को योजना,खाद्य और नागरिक आपूर्ति, सहकारी समितियां, महिला और बाल विकास, कृषि, राहत और पुनर्वास, चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय भी मिल गया है.

अजित पवार वित्त मंत्रालय के लिए थे आक्रामक
थोड़ी देर पहले ही, अजित पवार ने राज्यपाल को भेजी गई पोर्टफोलियो वितरण सूची की पुष्टि की थी. सामने आया था कि वित्त और सहकारिता मंत्रालय को लेकर एनसीपी व शिंदे गुट के बीच खींचतान चल रही है, जिसके चलते विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका था. अजित पवार वित्त और सहकारिता मंत्रालय एनसीपी के पास रखने को लेकर आक्रामक थी. असल में अजित पवार गुट वित्त के साथ ही सहकारिता मंत्रालय को लेकर आक्रामक थे, क्योंकि यह एनसीपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था. दर्जन भर से अधिक एनसीपी नेता सहकारी या निजी चीनी कारखाने चला रहे हैं. साथ ही उनका सहकारी बैंकों पर भी नियंत्रण है. उन्हें दोनों क्षेत्रों में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब उनके पास सहकारी मंत्रालय होगा तो उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा.

बागी विधायकों को निलंबित करने की मांग
बता दें कि पिछले रविवार (2 जुलाई) को अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री और छगन भुजबल, दिलीप वलासे पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, संजय बनसोडे, अदिति तटकरे और धर्मरावबाबा अत्राम ने मंत्री पद की शपथ ली है. एनसीपी संस्थापक शरद पवार गुट ने उन 9 विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की मांग की है, जिन्होंने अजित पवार का समर्थन किया है और शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है. इन विधायकों के खिलाफ एनसीपी विधायक और ग्रुप लीडर जयंत पाटिल ने विधानसभा स्पीकर हाउस में याचिका दायर की है. याचिका में मांग की गई है कि इन विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की कार्रवाई की जाए.

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