भगवान श्री राम की कथा वर्तमान समाज के लिए परम आवश्यक:- अमर दास जी महाराज

रिपोर्ट संजय सिंह बलिया

 

नगरा (बलिया) नगर पंचायत क्षेत्र के इसारी सलेमपुर में आयोजित श्री हनुमद् प्राण-प्रतिष्ठा महायज्ञ के अवसर पर अयोध्या धाम से आए हुए महामंडलेश्वर स्वामी अमर दास जी महाराज ने रामायण की चौपाई ” प्रातकाल उठि के रघुनाथा। मात पिता गुरु नावहिं माथा।।” का तात्पर्य समझाते हुए कहा कि विश्व में किसी भी धर्म का मानने वाला कोई भी व्यक्ति हो लेकिन वो भी चाहता है कि मेरा बेटा मेरी सेवा करे और भगवान राम ने ये संदेश स्वयं माता पिता की सेवा करके समाज को दिया। जबकि रावण का नाना माल्यवंत जो कि उम्र में रावण से अधिक है उसे रावण मारने पीटने की बात करता है ” करिआ मुंह करि जाहु अभागे। बुढ़ भयउ न त मरतेउ तोही।। वर्तमान समय में भी लोग शिक्षित तो हो रहे हैं लेकिन बड़े बुजुर्गो के प्रति सम्मान, माता-पिता की सेवा की भावना कम होती जा रही है। पढ़ें लिखे लोगों के मां बाप वृद्धाश्रम में भटकते मिलेंगे,दर दर की ठोकरें खाते मिलेंगे। और ऐसे समय में भगवान श्री राम की कथा हमारे जीवन में शिक्षा के संस्कार की भावना को जागृत करने का कार्य करती है। श्री राम के आदर्शो का पालन करते हुए आज भी हमारा समाज आगे बढ़ सकता है इसलिए श्री रामकथा परम् आवश्यक है

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