आश्वासनों के बावजूद भी रसड़ा नहीं बन सका डिपो
रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स
रसड़ा (बलिया) रसड़ा औद्योगिक पौराणिक व प्रमुख व्यापारिक केन्द्र जहां से गुड़ दलहन तिलहन का रहा है। जब बलिया जनपद नही था गाजीपुर जनपद हुआ करता था तो रसड़ा तहसील व मुंसफी न्यायलय आदि इस छोटी काशी के नाम से विख्यात नगर के प्राचीनतम बस स्टेशन रसड़ा बस डिपो न होने से इस क्षेत्र के लोगो के लिए व व्यवसायियो को के लिए एक बड़ी समस्या है जिससे कही समय पर आने जाने के लिए घंटो समय व्यतित करने पर कही साधन मिल जाय तो मिल जाय अन्यथा समय व आर्थिक क्षति उठाना पड़ता है । बसपा के सरकार में डिपो की दर्जा का आश्वासन से डिपो की शुरूआत की दौर से लगा की डिपो हो जाये गा किन्तु सपा के सरकार मुलायम के कार्य काल मे यह डिपो मुलायम के चहेता के चलते यहा का डिपो विल्थरा चला गया प्रयाप्त जगह स्थान होने के बावजुद रसड़ा राजनितिक द्ववेशता के चलते अधर मे पड़ गयाऔर भाजपा के सरकार मे भाजपा के परिवहन मंत्रियों ने डिपो बनाये जाने का आश्वासन दिया गया किंतु यह कोरा साबित हो रहा है।कई सरकारें बदल गईं मगर रसड़ा रोडवोज की बदहाल व सुविधा विहिन स्थिति में बेहतर सुधार नहीं हो सका जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। बसपा सरकार में तत्कालीन परिवहन मंत्री रहे रामअचल राजभर ने जहां रसड़ा को डिपो बनाये जाने का भरोसा दिलाया था वहीं कुछ माह पूर्व अमर शहीद भगत सिंह इंटर कालेज रसड़ा के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आये भाजपा सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने तत्कालीन न पा चेयरमैन प्रतिनिधि सहित व्यापारियों एवं भाजपा नेताआें की मांग पत्र पर उन्होंने रसड़ा को आधुनिक सुविधाआें से लैस डिपो बनाये जाने का पूर्ण आश्वासन दिया गया था। जिससे भाजपा के सरकार में जो भी मंत्री या जिम्मेदार है सब झूठा या अपने स्वार्थी व्यान से इस क्षेत्र के लोगो को मुर्ख समझ कर अपने निष्क्रीयता का परिचय दे रहे है यह आश्वासन कब मूर्त लेगा यह रसड़ा वासियों के लिए बड़ा सवाल व मुद्दा बना हुआ है। इस बस स्टेशन को डिपो का दर्जा नहीं मिलने से यहां सुविधां पूरी तरह से नदारद ही हैं। यदि इस बस स्टेशन को डिपो का दर्जा मिले तो यहां की तमाम दुश्वारियां संवर जायेगीं। यहां आलम यह है कि मऊ से बलिया तथा बलिया से मऊ की तरफ जाने व आने वाली तमाम बसें परिसर के अंदर प्रवेश करने की जहमत नहीं उठाती हैं और सामने से सड़क के रास्ते ही आगे के लिए निकल जाती हैं जो यात्रियों के लिए काफी कष्टकारी साबित होता है। यदि डिपो का दर्जा मिल जाने से यहां से वाराणसी, आजमगढ़, देवरिया, गोरखपुर आदि स्थानों के लिए बसों का संचालन संभव हो जाता है।
सुविधा विहीन रसड़ा को बस स्टेशन