आजमगढ़:मानदेय की मांग को लेकर विभिन्न समूह की महिलाओं ने किया बिलरियागंज ब्लॉक मुख्यालय का घेराव

रिपोर्ट:रोशन लाल
बिलरियागंज/आजमगढ़:आजमगढ़ जिला के बिलरियागंज ब्लाक अंतर्गत एनआर एल एम द्वारा संचालित विभिन्न समूह की महिलाओं ने अपने मानदेय की मांग को लेकर बिलरियागंज ब्लॉक मुख्यालय का घेराव कर दिया। इस संबंध में मीडिया से बात करते हुए पीड़ित महिलाओं ने बताया कि हम लोग अपने अपने गांव में समूह बनाकर उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा संचालित कामों को मेहनत करके पूरा करते हैं और हर संभव प्रयास करते हैं कि सरकार द्वारा चलाई जा रही आजीविका मिशन के तहत ग्राम विकास योजना पूरी तरह से सफल हो कहीं से कोई कमी न रह जाए। हम लोग दिन रात मेहनत करके अपने काम को अंजाम देते हैं किंतु हममें से कुछ लोगों का कुछ मानदेय तो मिला लेकिन कुछ लोगों का एकदम नहीं मिला । किसी का 18 महीने का मानदेय बाकी है तो किसी का 2 वर्ष का लगभग इसी तरह से सभी समूह सखियों का मानदेय बाकी है ।

ब्लॉक पर घेराव करने वाली बीआरपी कैडर से कंचन राय, इसके अलावा बैंक सखी आजीविका सखी, और समूह सखी से जुड़ी महिलाओं ने अपने-अपने मानदेय की मांग को लेकर ब्लॉक मुख्यालय का घेराव किया ।और अपना मांग पत्र खंड विकास अधिकारी बिलरियागंज नीलिमा गुप्ता को देने के लिए जब उनके कार्यालय में गई तो वीडियो साहब मौके पर नहीं मिली तब उन लोगों ने टेलीफोन द्वारा संपर्क किया तो वीडियो साहब ने समस्त समूह शखियों को एडियो पंचायत को अपना मांग पत्र देने की बात कही। जब यह समूह सखियां अपना मांग पत्र लेकर एडियो पंचायत के पास गई तो उन्होंने मांग पत्र लेने से इनकार कर दिया। यह आरोप लगाते हुए पीड़ित समूह सखियों की सदस्यों ने कहा कि अब हम लोग क्या करें आखिर किससे अपने पीड़ा कहने जाएं। उन्होंने अपने विभागीय हेड के ऊपर भी आरोप लगाया कि शेखर सिंह के चलते हम लोगों का मानदेय रुका हुआ है नहीं मिल रहा है । जब इस संबंध में शेखर सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि इनका मानदेय इसलिए रुका है कि अभी ऊपर से पैसा आया ही नहीं है वहां से आएगा तो मिल जाएगा जबकि उनकी फाइल बनाकर विभाग को भेज दी गई है मानदेय के लिए ।
और जो हमारे ऊपर समूह शखियां आरोप लगा रही हैं यह सब आरोप झूठा है । उन्होंने कहा कि हम हर संभव प्रयास करेंगे कि यथा शीघ्र इन लोगोंका मानदेय मिले जिससे इनलोगों की दीपावली हंसी-खुशी से व्यतीत हो। और मानदेय ना मिलने से दशहरा की तरह घर में मायूसी ना छाए।

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