श्री राम कथा जीवन , जीने की सिखाती है कला, जीव को, प्राप्त होता है चारों फल धर्म अर्थ काम मोक्ष।
विनय मिश्र,जिला संवाददाता।
बरहज ,देवरिया। नगर पालिका क्षेत्र के नंदन वार्ड पश्चिम में चल रहा है पंडित विश्वनाथ त्रिपाठी की स्मृति में श्री राम कथा का रसा स्वादन करते हुए, झांसी से पधारे संत राजेंद्र पाठक ने कहा कि श्री राम कथा मनुष्य को जीवन में जीने की कला सिखाती है राम कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य को चारों फलों की प्राप्ति होती है आगे उन्होंने कहा कि आज दुनिया में सब लोग सुख ढूंढ़ रहे हैं सुख कहीं मिल नहीं रहा है सुख मिलने का मात्र एक ही साधन है वह है सत्संग सत्संग के माध्यम से ही मनुष्य को चारों फलों की प्राप्ति हो सकती है और सुख प्राप्त हो सकता है अन्यथा दुनिया में कहीं सुख नहीं मिलेगा भगवान की कथा बड़ी दुर्लभ है सत्संग के माध्यम से ही भगवान की कथा श्रवण करने को मिल सकती है और जीवन में यदि सुख चाहिए तो आप सत्संग जरूर करें कथा के दौरान विश्वनाथ त्रिपाठी शिक्षण संस्थान के संचालक अरविंद त्रिपाठी ,प्रधानाचार्य गोपाल सोनकर, वीरेंद्र त्रिपाठी, बलभद्र त्रिपाठी, अजीत जायसवाल ,अमित तिवारी, दीपू तिवारी ,अभयानंद तिवारी, श्री किशुन यादव, सुरेंद्र यादव ,मुरली यादव, दीनानाथ यादव, मैनेजर तिवारी, राजू तिवारी सहित काफी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे।