नीतीश कुमार से क्यों अलग हुए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, खुद किया खुलासा

Why did election strategist Prashant Kishor separate from Nitish Kumar, he himself revealed

पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति अपना विरोध स्पष्ट किया और उनकी नीत‍ियों की आलोचना की।

बिहार विधानसभा चुनाव में कभी नीतीश कुमार की पार्टी के लिए प्रचार करने वाले प्रशांत किशोर ने रविवार को उनकी नीतियों और प्रशासनिक निर्णयों पर सवाल उठाए।

पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं उस प्रशासक का विरोध कर रहा हूं, जिसने बिहार की जनता का भविष्य चार सेवानिवृत्त अधिकारियों के हाथ में छोड़ दिया है। 2014 में जिस नीतीश कुमार की मैंने मदद की थी, उस समय उनके भीतर राजनीतिक नैतिकता थी। किशोर ने उदाहरण देते हुए बताया कि जब नीतीश कुमार रेल मंत्री थे, पश्चिम बंगाल में एक रेल दुर्घटना में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, तब उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था।

कोरोना महामारी के दौरान की स्थिति को लेकर भी उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “जिस नीतीश कुमार का मैं विरोध कर रहा हूं, वह उस समय भी नहीं निकले, जब हजारों लोग मरे और लाखों बच्चे सड़कों पर भटक रहे थे।”

उन्होंने कहा कि 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार को हार का सामना नहीं करना पड़ा था, उनके पास 117 विधायक थे और उन्होंने सही निर्णय लिए थे। लेकिन, 2020 विधानसभा चुनाव में जब उनकी पार्टी को केवल 42 सीटें मिलीं, तब भी उन्होंने मुख्यमंत्री बनने का निर्णय लिया, जो जनता के आदेश का उल्लंघन था।

प्रशांत किशोर ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 के चुनाव परिणाम के बाद मैंने नीतीश कुमार से बात की थी और उन्हें सलाह दिया था कि वह मुख्यमंत्री बनने से बचें। लेकिन, उन्होंने उसी द‍िन शाम 6:30 बजे मुख्यमंत्री पद ग्रहण कर लिया। मैं अच्छे प्रशासन का समर्थन कर रहा था, लेकिन अब जो स्थिति है, उसमें मैं नीतीश कुमार का विरोध कर रहा हूं।

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