Azamgarh news:बारिश ने निजामाबाद के मेले को फीका किया।सुरक्षा की थी जबरदस्त व्यवस्था
Rain dampened the Nizamabad fair. Strong security arrangements were in place.
प्रेम प्रकाश दुबे की रिपोर्ट
निजामाबाद/आजमगढ़।अधर्म ,अन्याय,असत्य, व अत्याचार पर धर्म न्याय सत्य और सदाचार की शाश्वत जीत का प्रतीक दशहरा पर्व अपने अंदर की बुराइयों को त्याग कर सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।निजामाबाद का ऐतिहासिक बहुचर्चित मेला एकादशी शुक्रवार को परंपरागत तरीके से धूमधाम से मनाया गया। बारिश ने अबकी बार निजामाबाद के मेले को फीका कर दिया।इसके लिए पूरे बाजार में रंगीन झालरों से आकर्षक सजावट की गई थी वही देवी पंडालों में सजावट के साथ ही प्रतिमाओं के पट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। हर पूजा पंडाल में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ मची थी।मेला को शांति व सौहार्द के साथ निपटाने के लिए पुलिस ने खासा इंतजाम किए थे। मेले में सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए कई थानों के पुलिस बल के साथ महिला पुलिस और पीएसी के जवान लगाए गए थे।इस मेले को देखने के लिए क्षेत्र ही नही सुदूर से भी लोग आते हैं। शाम होते ही पंडालों में स्थापित की गई दुर्गा प्रतिमाओं को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी।दुर्गा पूजा समिति के कार्यकर्ता भी मेले को सकुशल कराने में पूरी तन्मयता से जुटे नजर आए।मूर्ति पंडालों के पास की गई आकर्षक विद्युत सजावट अलग छठा बिखेर रही थी।अबकी बार बरसात होने के मेला फीका रहा।पूरे कस्बे में दूर दूर से दुकानदार आए हुए थे और तरह तरह की दुकानें सजी हुई थी।मेले में कही गुब्बारे तो कही जिलेबियां तो कही खिलौने छोले पकौड़े आदि की दुकानें लगी हुई थी।सबसे ज्यादा भीड़ महिलाओं की चाट फुल्की की दुकानों पर थी। फरहाबाद शिव मंदिर से हाथी और रथ पर सवार होकर गाजे बाजे के साथ श्रीराम बानरी सेना के साथ लंका पर चढ़ाई करने के लिए आते है।फरहाबाद रथ के साथ प0 कृपाशंकर मिश्रा,शुभम मिश्रा,अजय मिश्रा,संतोष मिश्रा,महादेव विश्वकर्मा, अविनाश मिश्रा,धर्मेश पाठक,प्रकाश चौरसिया,मुन्ना चौरसिया, प्रेमा यादव आदि लोग भजन कीर्तन, हर हर महादेव के गगन भेदी जयकारे लगाते हुए जुलूस के साथ चल रहे थे।रावण को जब पता चलता है कि श्री राम अपनी बानरी सेना के साथ लंका में प्रवेश करते है तो वह अपनी चतुरंगिनी सेना लेकर युद्ध भूमि में पहुंचकर श्रीराम को युद्ध के लिए ललकारता है प्रभु श्रीराम कहते है कि हे लंकेश सीता को वापस कर हमारी शरण में आ जाओ,आप की लंका नगरी तभी सुरक्षित रहेगी।यह सुनकर रावण युद्ध के लिए राम को ललकारता है लंका का प्रतीक शिवाला घाट रामलीला मैदान में राम रावण के बीच युद्ध छिड़ जाता है।राम रावण युद्ध में राम के बाणों का प्रभाव नहीं पड़ता है तब विभीषण राम के पास जाकर बताते हैं कि रावण की नाभि में अमृत है,इसके बाद राम अग्नि वाण से रावण की नाभि में प्रहार कर वध कर देते हैं। रावण के मारे जाने के बाद रावण का पुतला दहन होते ही लंका का प्रतीक शिवाला रामलीला मैदान जय श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। इलेक्ट्रिक बटन दबाकर रावण के विशाल पुतला का दहन किया गया।रावण के पुतला दहन के बाद मेला का समापन हो जाता है।