शिप पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़, महिला समेत 5 गिरफ्तार
Call center busted for duping people in the name of providing jobs on ships, 5 arrested including a woman
नोएडा: नोएडा पुलिस ने एक ऐसे कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए महिला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को शिप (जहाज) पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी किया करता था।
नोएडा के थाना 58 पुलिस ने ये कार्रवाई की है। ये गैंग फर्जी वेबसाइट बनाकर, फेसबुक व इंस्टाग्राम पर एड डालकर लोगों को लुभाकर फर्जी ऑफर लेटर देता था। इसके बाद मेडिकल कराने, एसटीसीडब्लू, एसआईडी, सीडीसी कार्ड आदि बनवाने के नाम पर पैसा ठगा जाता था।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि थाना सेक्टर-58 नोएडा पुलिस टीम ने 21 सितंबर को आईथम टावर सेक्टर-62, नोएडा में शिप (जहाज) पर विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक कॉल सेन्टर का पर्दाफाश करते हुए कॉल सेन्टर संचालक सहित कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, 8 कम्प्यूटर सीपीयू, 1 लैपटॉप, 5 मोबाइल, 11 मुहर, 2 सिम कार्ड, 1 एसआईडी कार्ड, 1 सीडीसी, 1 पासपोर्ट, 8 दस्तावेज ऑफर लेटर बरामद किए गए हैं।
पुलिस ने बताया है कि 20 सितंबर को एक पीड़ित ने थाने पर शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने फेसबुक पर यथार्थ ग्रुप कन्सट्रक्शन एंड फैकल्टी मैनेजमेंट नाम से एक एड देखा। जिसमें दिए गए नंबर पर व्हॉट्सएप कॉल किया तो उसे बताया गया कि कम्पनी शिप (क्रूज) पर विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने का काम करती है। पीड़ित से ऑनलाइन इंटरव्यू 31 मई को गूगल मीट पर कराया गया। पीड़ित को बताया गया कि उसका सेलेक्शन मुम्बई टू गोवा शिप के लिए हो गया है और उसे मेडिकल के लिए नोएडा आना पड़ेगा। जिसके लिए 11 हजार रुपये लगेंगे। इस पर पीड़ित ने 11 हजार रुपये आनलाइन भेज दिए।
इसके बाद पीड़ित को यथार्थ ग्रुप की तरफ से मेल आया कि आपको 38,600 रुपए और देने हैं। इनसे हम आपका एसटीसीडब्ल्यू, सीडीसी, साइड और वीजा को प्रोसेस कराएंगे और इसमें फ्लाइट टिकट भी रहेगी। पीड़ित ने दिए गए खाता नंबर में पैसे जमा करवा दिए। इसके बाद कंपनी का मेल आया कि आपको मुम्बई टू गोवा शिप कस्टमर सर्विस पर ज्वाइन करना है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि इस कॉल सेन्टर के मलिक अंकित ने यह ऑफिस मार्च में 35,000 रूपये महीना के किराये पर लिया था। अंकित ने फर्जी कंपनी बनाई थी और सोशल मीडिया के जरिए ठगी किया करता था।