दीपावली पर विशेष मुहूर्त ।  आचार्य अनिल मिश्र। 

 

विनय मिश्र, जिला संवाददाता।

 

बरहज ,देवरिया।

 

 

सनातन धर्म के चातुर्वर्ण्य व्यवस्था के अन्तर्गत तृतीय वर्ण वैश्य वर्ग का सर्व प्रसिद्ध पर्व दीपावली दिन में ३:११ बजे के पश्चात प्रदोष काल एवं रात्रि में अमावस्या तिथि मिलने के कारण ३१ अक्टूबर २०२४ गुरुवार को मनाई जाएगी। सायं प्रदोष काल में शिव आदि मन्दिरों, मठों एवं देवालयों में दीपदान किया जाएगा तथा लक्ष्मी – गणेश – कुबेर – कालिका – सरस्वती एवं दीपमालिका का पूजन अर्चन किया जाएगा। दीपावली पूजन हेतु निम्न चार मुहुर्त श्रेष्ठ माना गया है —-

प्रदोष काल – सायं ५:०९ बजे से ५:५७ बजे तक

वृष लग्न – रात्रि ६:११ बजे से ८:८ बजे तक

मध्य रात्रि – ११:३६ बजे से १२:२४ बजे तक

सिंह लग्न – १२:३९ बजे से २:५३ बजे तक ।

शेष रात्रि (भोर में) सूप बजाकर दरिद्र का निस्सारण एवं लक्ष्मी का पदार्पण कराया जायेगा। गुरुवार की दीपावली देश एवं समाज तथा व्यवसाय जगत में उन्नति कारक है। आज के दिन पटाखे फोड़ने से आस-पास में मच्छरों के लारवा नष्ट हो जाते हैं जिससे डेंगू आदि रोगों से बचाव होता है।

स्नान-दान एवं श्राद्ध सहित अमावस्या का मान १ नवम्बर २०२४ शुक्रवार को होगा। जैन सम्प्रदाय के २४ वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस आज ही मनाया जाएगा। इसे महाबीर स्वामी के निर्वाण स्थली कुशीनगर जिले के पावानगर(फाजिलनगर) में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।

देव मंदिरों में प्रसिद्ध अन्नकूट का पर्व तथा काशी से अन्यत्र सर्वत्र गोवर्धन पूजा २ नवम्बर २०२४ शनिवार को मनायी जाएगी। आज के दिन प्रदोष काल में विश्वकर्मा पूजा (परुवा) शास्त्रीय विधि-विधान से की जायेगी एवं घरों में मंगल मालिकाएं होंगी।

काशी में गोवर्धन पूजा ३ नवम्बर २०२४ रविवार को मनायी जाएगी। इसे भ्रातृ द्वितीया (भैया दूज) एवं चित्रगुप्त पूजा के नाम से जाना जाता है। इसमें वैश्य वर्ग लेखनी एवं दावात की पूजा भी करता है। आज के दिन बहन के घर भोजन करने से स्नेह की वृद्धि होती है। आज यमुना नदी में स्नान करने एवं यम तर्पण करने से मनुष्य यम के बंधनों से मुक्त रहता है।

वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत का मान ५ नवम्बर २०२४ मंगलवार को होगी। आज काशी के तुलसी घाट की विश्व प्रसिद्ध नाग नथैय्या की श्रीकृष्ण लीला का जोरदार मंचन होगा। तीन दिनों तक चलने वाला सूर्य षष्ठी व्रत का अनुष्ठान आज से प्रारंभ हो जाएगा।

सूर्य षष्ठी व्रत का द्वितिय दिवस ६ नवम्बर २०२४ बुधवार को होगा। इसे सौभाग्य पंचमी, लाभ पंचमी, पाण्डव पंचमी एवं जैन जगत में ज्ञान पंचमी के नाम से जाना जाता है। भगवान् भास्कर आज रात्रि ९:३८ बजे विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

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