भदोही:जीवन-मरण बंधन से मुक्ति को सत्य करें धारण: अशोक सचदेव

सुख-दुख से ऊपर उठ कर आनंद में जीवन जीने का नाम है भक्ति

रिपोर्ट: असरफ संजरी

भदोही।‘‘सुख-दुख से ऊपर उठ कर सहज अवस्था में आनंदमय जीवन जीने का नाम ही भक्ति है। भक्ति में ब्रह्मज्ञान द्वारा आत्मा और परमात्मा का मिलन होता है। सत्य की पहचान से हमारे मन का अहंकार समाप्त हो जाता है और हर किसी के अंदर परमात्मा का ही नूर नज़र आने लगता है।‘‘ये उद्गार निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के बातों को दोहराते हुए अशोक सचदेव जी ने व्यक्त किए। इस समागम में भदोही, के कोने कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि सत्य के बोध के बाद जब हम अपने हर कार्य में निरंकार प्रभु के अहसास को शामिल कर लेते हैं और शुकराने के भाव को अपना लेते हैं तोे वह भी भक्ति बन जाता है और हमें निरंतर आनंद की अवस्था प्राप्त होती हैं। जीवन का सबसे बड़ा सुकून परमात्मा को जानकर इसके साथ जुडने में ही है। जब हम निरंकार प्रभू से जुड़ जाते हैं तब हर समय हर स्थान पर केवल इस परमात्मा के ही दर्शन होते हैं और प्रेमभाव से युक्त होकर मन में सुकून धारण कर इसकी लहरों को अपने परिवार, प्रियजनों से होते हुए पूरे देश एवं विश्व में विस्तृत करते चले जायें। उन्होंने आगे कहा कि समाज एवं परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए हमें भक्ति करनी है। किन्तु इसका अर्थ यह बिलकुल भी नहीं कि हम आँखें मुंदकर चलें; अपितु हमें तो सदैव जागरुक एवं चेतन रहकर अपने कर्तव्यों को निभाना है। हर अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थिति में जब हम परमात्मा का शुकराना करते चले जायेंगे । तब हमारा जीवन सबर, शुकर एवं सुकून से भरपूर हो जाता है। फिर आनंद की प्राप्ति करते हुए हम सबको प्रेम ही बांटते चले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि आज हमे निरंकारी सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के वचनों पर चलने की जरूरत है। जो सद्गुरु से ज्ञान एक ईश्वर है इस ईश्वर को जानकर ही जीवन आनंद से भरता है। जीवन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने समझाया कि केवल मनुष्य जन्म लेना, दैनिक कार्य करना तथा पारिवारिक दायित्व को निभाना ही जीवन नहीं अपितु वास्तविक जीवन तो वह है जिसमें परमात्मा की पहचान करके इससे इकमिक हो जाए। ईश्वर ने हमें जो यह अनमोल जन्म दिया है, इसका सदुपयोग करते हुए फरिश्ते जैसा जीवन जीये। अंत में भदोही सयोजक श्री राजेश ने आए हुए सभी अतिथियों,साध संगत एवं सेवादल के सभी भाई -बहनों का आभार प्रकट किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button