आर.डी. बर्मन ने गुलजार के साथ मिलकर कैसे दिए कई आइकॉनिक गाने
R.D. How Burman gave many iconic songs together with Gulzar
मुंबई: दिवंगत संगीतकार आर.डी. बर्मन ने गुलजार जैसे वरिष्ठ गीतकार के साथ मिलकर कई आइकॉनिक गाने बनाए, लेकिन उनके साथ काम करने का तरीका आसान नहीं था। एक पुराने वीडियो में आर.डी. बर्मन ने बताया कि गुलजार के साथ एक गाना बनाने में कितनी मेहनत लगती थी।
उन्होंने कहा, “एक आदमी के साथ तो काम करना बेहद मुश्किल है, उसका नाम है गुलजार। हम ‘आंधी’ पर काम कर रहे थे। फिल्म में उन्होंने जो गाने लिखे थे, मैं उनकी भाषा या उनका मीटर नहीं समझ पाया था। उनका मीटर सिनेमा में हमारे द्वारा बनाए गए पैटर्न से बिल्कुल अलग है।”
वीडियो में आर.डी. बर्मन ने गुलजार से कहा, “हम इस तरह काम नहीं कर सकते। गुलजार ने फिर उनसे कुछ करने की कोशिश करने को कहा, और उन्होंने संगीतकार को इसे अलग तरीके से करने का आश्वासन दिया।”
उन्होंने कहा, ”फिर एक दिन हम दोनों साथ बैठे और किसी तरह से गाना तैयार किया। गाने पर काम करते हुए आखिरकार हमने गाने का ‘मुखड़ा’ तैयार कर लिया। फिर मैंने उनसे कहा ‘अब तुम्हें ‘मुखड़ा’ और उसके मीटर के हिसाब से ‘अंतरा’ लिखना है। लेकिन वहीं पर वह अटक गए, घर जाकर फिर मुझसे कहा कि यह नहीं हो पा रहा है। लेकिन हमारी दृढ़ता ने अच्छे गानों के लिए रास्ता बना दिया, देखिए ‘आंधी’ में कितने अच्छे गाने हैं।”
गुलजार और आर. डी. बर्मन अक्सर गीतों के बोलों को लेकर झगड़ते रहते थे, इसका एक और उदाहरण गुलजार द्वारा निर्देशित फिल्म ‘इजाजत’ में आशा भोसले द्वारा गाया गया गीत ‘मेरा कुछ सामान’ है।
आर.डी. बर्मन को गुलजार के लिखे गीत पर धुन बनाने में मुश्किल आने लगी, तभी आशा भोसले ने एक धुन गाई जो उन्हें पसंद आई। उस धुन को गाने का हिस्सा बनाया गया। इस गीत को दो राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया। सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए गुलजार को और सर्वश्रेष्ठ महिला गायक के लिए आशा भोसले को सम्मानित किया गया।