अंत्योदय से सर्वोदय, राष्ट्रीय एकता, सुशासन को समर्पित होगा साल 2025 : सीएम योगी

Lucknow: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath on Tuesday discussed the future programs and gave necessary directions in an important meeting with senior government officials. Meanwhile, he said that the coming year 2025 is going to be very important. This year is to be celebrated as the Year of Tribal Glory on the occasion of the 150th birth anniversary of Birsa Munda, it is also the year of the 150th birth anniversary of the iron man Sardar Patel. He said that on the one hand, while we will celebrate the nectar of the adoption of the Constitution, people should also be made aware of the 50th anniversary of the killing of democracy. The 300th birth anniversary of Lokmata Ahilyabai Holkar will also be celebrated this year. The year 2025 is the birth centenary of former Prime Minister Shraddheya Atal ji, and this is the year in which we have to fulfill the goal of zero poverty. This entire year will be dedicated to the vision of Antyodaya Se Sarvodaya, National Unity and Good Governance. They will be organized throughout the year.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में भावी कार्यक्रमों पर चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष 2025 अत्यंत महत्वपूर्ण होने जा रहा है। यह वर्ष बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जाना है, तो यह लौह पुरुष सरदार पटेल की 150वीं जयंती का भी वर्ष है।

उन्होंने कहा कि एक ओर जहां हम संविधान अंगीकार करने का अमृत महोत्सव मनाएंगे, वहीं लोकतंत्र की हत्या ‘आपातकाल’ के 50 वर्ष पूरे होने पर लोगों को जागरूक भी किया जाना है। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती भी इसी वर्ष मनाई जाएगी। 2025 का यह वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी की जन्म शताब्दी वर्ष है तो इसी वर्ष हमें जीरो पॉवर्टी का लक्ष्य भी पूरा करना है। यह पूरा वर्ष अंत्योदय से सर्वोदय, राष्ट्रीय एकता और सुशासन की परिकल्पना को समर्पित होगा। इनके दृष्टिगत पूरे वर्ष आयोजन किए जाएंगे।

सीएम योगी ने कहा कि 26 नवंबर 2024 से प्रारंभ हो रहे ‘संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष’ की शुरुआत पर राजधानी लखनऊ में शासन स्तर के साथ-साथ सभी सरकारी संस्थानों, विभागों, कार्यालयों, विद्यालयों, विश्वविद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली जानी चाहिए। स्कूल/कॉलेजों में निबंध और डिबेट आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। संसदीय कार्य विभाग इसका नोडल विभाग होगा। पूरे वर्ष होने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र जारी कर दी जाए।

उन्होंने बैठक में कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में पूरी दुनिया से लोगों का आगमन होगा। यह दुनिया के लिए भारत को जानने, समझने का सुअवसर है। महाकुंभ में भारतीय संविधान पर आधारित ‘संविधान गैलरी’ तैयार कराई जाए। यहां संविधान सभा के गठन चर्चा-परिचर्चा, संविधान के बनने की पूरी प्रक्रिया को ऑडियो-विजुअल माध्यम से प्रदर्शित किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार जनजातीय समाज की संस्कृति के संरक्षण और जनजातीय समाज के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। बलरामपुर के इमिलिया कोडर में जनजातीय संग्रहालय भी स्थापित किया गया है, जबकि दो और संग्रहालय भारत सरकार द्वारा स्थापित कराए जा रहे हैं। महाकुंभ में भगवान बिरसा मुंडा पर और प्रदेश की जनजातीय संस्कृति, सरकार के प्रयासों पर केंद्रित विशेष गैलरी बनाई जाए।

सीएम योगी ने कहा कि अटल जी की जन्मशताब्दी के अवसर पर विश्वविद्यालयों में अटल शोध पीठ तथा सुशासन पीठ की स्थापना कराई जानी चाहिए। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इसमें आवश्यक कार्रवाई की जाए। इसी प्रकार, सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष में राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करते हुए पूरे वर्ष विविध कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाना चाहिए। गृह विभाग इसका नोडल विभाग होगा। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती को पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर मनाया जाना चाहिए। आक्रांताओं के कालखंड में किस प्रकार अहिल्याबाई जी ने भारतीय सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवन दिया, इससे नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। अहिल्याबाई जी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर स्कूल कॉलेजों में निबंध, डिबेट और सेमिनार का आयोजन भी कराया जाए।उन्होंने कहा कि ‘लोकतंत्र की हत्या’ आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोगों को अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से इसकी विभीषिका से नई पीढ़ी को परिचित कराया जाना चाहिए। इस दौरान लोकतंत्र रक्षक सेनानियों के सम्मेलन कराया जाना चाहिए। इस संबंध में सूचना विभाग द्वारा आवश्यक कार्ययोजना तैयार की जाए।

Related Articles

Back to top button