उर्वरक की कालाबाजारी करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा:डीएम

डीएम,जनपद में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध:डीएम

 

रबी फसलों के लिए उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण व्यवस्था पर जिलाधिकारी ने दिए आवश्यक निर्देश।

विनय मिश्र, जिला संवाददाता।

देवरिया। जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने बताया है कि कृषकों को उनकी जोत, कृषि भूमि और फसल की आवश्यकताओं के अनुसार उर्वरकों का वितरण सुनिश्चित करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। यह वितरण पूर्णतः पारदर्शी प्रक्रिया के तहत पीओएस मशीनों के माध्यम से संपन्न होगा और इसकी निगरानी राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सख्ती से की जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रबी फसलों की बुवाई जोरों पर है, जिसमें डीएपी और एनपीके जैसे फास्फेटिक उर्वरकों की मांग अधिक रहती है। किसानों की इस मांग को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उन्हें समय पर और पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया जाए, ताकि उनकी फसलें बेहतर उत्पादन दे सकें। उर्वरक की कालाबाजारी करने वाले लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। जनपद में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है।डीएम ने कहा कि उर्वरक के अवैध परिवहन और अनियमितताओं पर नियंत्रण हेतु अंतरराज्यीय सीमाओं पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस और स्टेट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो को इस संदर्भ में सहयोग प्रदान करने के लिए कहा गया है। बिहार प्रांत की सीमा से सटे पुलिस चौकियों को भी सतर्कता बरतने का आदेश दिया गया है, ताकि उर्वरकों के अवैध परिवहन की कोई संभावना न रह जाए। अवैध गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध संबंधित अधिनियमों के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी।सहकारी समितियों, सहकारी संस्थाओं और निजी उर्वरक केंद्रों पर उर्वरकों की बिक्री की सतत निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि पीओएस मशीन में दर्ज स्टॉक का नियमित रूप से भौतिक स्टॉक से मिलान किया जाए। यदि किसी प्रकार की विसंगति पाई जाती है तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध विधिसंगत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
यह भी निर्देशित किया गया है कि उर्वरकों की बिक्री अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर ही की जाए। यदि कोई विक्रेता एमआरपी से अधिक मूल्य पर उर्वरक बेचता पाया गया, तो उसके खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने न्याय पंचायतों में स्थित निजी और सहकारी उर्वरक केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने को कहा गया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि उर्वरकों का वितरण उनकी देखरेख में हो। किसी भी प्रकार की शिकायत की स्थिति में संबंधित नोडल अधिकारी को तत्काल सूचित करने का निर्देश दिया गया है।जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन निर्देशों के उल्लंघन अथवा किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उर्वरकों की उपलब्धता और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित करना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता अक्षम्य होगी।

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