आधार कार्ड के नाम पर भोली-भाली के जेब में डाला जा रहा डाका,निजी आधार केंद्रों पर मनमानी वसूली से त्रस्त है लोग
In the name of Aadhaar card, money is being put in the pockets of Bholi-Bhali, people are suffering from arbitrary recovery at private Aadhaar centers.
मजबूरी का फायदा उठाकर कर रहे है कई गुना वसूली
खेतासराय(जौनपुर):-आधार कार्ड बनवाने के नाम पर भोली-भाली जनता से मनमानी धन उगाही की जा रही है। इसके खिलाफ कार्यवाई न होने से निजी केंद्रों की मनमानी इस कदर बढ़ती जा रही है की निर्धारित फीस से लगभग छह से सात गुना अधिक वसूली कर रहे है। बेचारी जनता मजबूर होकर देने के लिए विवश है। पैसा देने के बाद भी कई बार दौड़ाने के बाद किसी तरह से काम होता पाता है। आधार कार्ड बनाने, उसमें संसोधन कराने के लिए ठण्ड में लोग सुबह से केंद पर भीड़ लग जाती है, शाम तक बड़ी मशक्कत के बाद काम हो पाता है। इसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि नियमित रूप से न तो स्थानीय डाकघर न ही बैंक में आधार कार्ड बनना बताया जा रहा हैं। जिसका नाज़ायज़ फायदा निजी आधार केन्द्र वाले उठा रहे है।विदित हो कि सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को पारदर्शी तरीके से धरातल पर उतारने के लिए बायोमैट्रिक व आधार कार्ड से लिंक करा रही है। जिससे पात्र व्यक्ति को लाभ मिल सके। आय, जाति, निवास प्रमाण-पत्र भी बिना आधार कार्ड के बिना बन रहा है। ऐसे में जिन लोगों के आधार कार्ड में नाम, जन्मतिथि व पता आदि का संशोधन कराने के लिए डाकघरों व बैंको को अधिकृत किया गया है। इस बाबत लोगों का कहना है कि उक्त संस्थान पर नियमित रूप से आधार कार्ड व संशोधन आदि कार्य न होने के कारण पैसे की लालच में चन्द लोगों द्वारा नगर क्षेत्र व आस-पास की छोटी-बड़ी बाजारों में चोरी-छिपे खोलें गए निजी आधार केंद्र पर आसानी से बन जाता है जहाँ पर आधार कार्ड पर जन्मतिथि, पता, पति का नाम, बायोमैट्रिक इत्यादि कार्य जहाँ निर्धारित शुल्क से कई गुना अधिक की वसूली की जाती है।एक पीड़ित ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि डाकघर में पता किया तो पता चला कि आधार कार्ड नहीं बन रहा है और न ही क्षेत्र के किसी बैंक में बन रहा है। खेतासराय कस्बा व आस-पास के ग्रामीण इलाकों में कुछ निजी केंद्र खोलकर उक्त कार्य कर रहे है। पीड़ित ने बताया कि निजी आधार केन्द्र पर सुबह से शाम तक जी-हुजूरी करने के बाद किसी तरह संशोधन होता है। वह भी एक आधार कार्ड पर बायोमेट्रिक के लिए 500 से 1000 की वसूली की जा रही है। जबकि इसकी निर्धारित शुल्क 100 रुपये बतायी जा रही है। लोग मजबूर होकर करा रहे है। जिसका फायदा निजी आधार केंद्र वाले जमकर उठा रहे है। बेचारी भोली-भाली जनता विवश होकर दे रही है।जानकार यह भी बताते है निजी आधार कार्ड केंद्रों की हालत यह है कि सुबह लेकर शाम तक भीड़ लगी रहती है। ग्राहकों को एक निर्धारित तिथि और समय बता दिया जाता है। उसी समय धीरे से पर्दे के पीछे यह कारनामा किया जा रहा है। ऐसे में धक्का-मुक्की और कभी-कभी मारपीट की स्थिति बन जाती है। कभी-कभी पैसे देने के बाद भी काम नहीं होता पाता है। जिससे क्षेत्रवासियों में काफी रोष व्याप्त है। ऐसे में यह जनता सरकार को कोस रही है कि दुनिया का काम-धाम छोड़कर आधार बनवाने, संशोधन कराने के लिए पूरा दिन चला जाता है और काम भी नहीं हो पाता है ऊपर से इतना पैसा लिया जाता है। इस ओर कोई जिम्मेदार अधिकारी न तो ध्यान दे रहा है न ही कोई कार्यवाही कर रही है।इस सबन्ध में उपजिलाधिकारी शाहगंज राजेश चौरसिया ने बताया कि मनमानी वसूली अनैतिक है, जाँच कराकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी। डाक अधीक्षक जौनपुर आर.के. चौहान का कहना है कि डाकघर और बैंक आधार बनाने व संशोधन करने के लिए अधिकृत है। यदि निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली की जा रही है तो सरासर गलत है। ऐसा नहीं करना चाहिए, एक सवाल में जवाब में बताया कि निजी आधार केंद्रों पर कैसे और किस तरह आधार कार्ड बनाएं जा रहे यह मुझे नहीं पता है। हो सकता कि यूआईडीएआई ने उन्हें अधिकृत किया हो, इसकी जाँच की जाएगी दोषी पाएं जाने पर कार्यवाई की जाएगी।