Azamgarh:जागरूकता फैलाने में आंगनवाड़ी बहनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण

जागरूकता फैलाने में आंगनवाड़ी बहनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण

 


जागरूकता फैलाने में आंगनवाड़ी बहनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण
जितेंद्र यादव,
निदेशक,
सीआरसी गोरखपुर

आज आईएसएलआरटीसी नई दिल्ली, सीआरसी गोरखपुर एवं जिला प्रशासन आजमगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय शीघ्र पहचान एव शीघ्र हस्तक्षेप तथा भारतीय सांकेतिक भाषा विषयक जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जिला पंचायत सभागार नेहरू हाल आजमगढ़ में किया गया। आईएसएलआरटीसी नई दिल्ली से डॉ संजय कुमार, उपनिदेशक प्रशासन, डॉ हरीश सोनी, सहायक प्राध्यापक भारतीय सांकेतिक भाषा, मास्टर ट्रेनर, इस्लाम उल हक आदि उपस्थित रहे। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक श्री जितेंद्र यादव ने इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन के संदर्भ में बतलाया कि पूर्वांचल का यह पहला कार्यक्रम जो संकेत भाषा को लेकर आंगनबाड़ी के साथ जनपद आजमगढ़ में आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम अपने आप में अद्भुत ही नहीं बल्कि एक कीर्तिमान भी स्थापित करेगा और आने वाले समय में आंगनबाड़ी बहनों के माध्यम से रेफरल भी मिल पाएंगे। इस जन-जागरूकता कार्यक्रम में सीआरसी गोरखपुर के सहायक प्राध्यापक नैदानिक मनोविज्ञान श्री राजेश कुमार ने दिव्यांगता की शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप में मनोवैज्ञानिक की भूमिका जैसे विषय पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो को संबोधित किया। सीआरसी गोरखपुर के पुनर्वास अधिकारी श्री राजेश कुमार यादव ने सीआरसी गोरखपुर द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार की योजनाओं एवं सेवाओं के बारे में उपस्थित प्रतिभागियों को जागरूक किया। कार्यक्रम का समन्वय श्री नागेंद्र पांडे ओ एंड एम सह विशेष शिक्षक सीआरसी गोरखपुर द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में उपनिदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार श्रीमती मीनू सिंह व जिला पंचायत राज अधिकारी श्री हेमंत सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। जनपद के 200 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर प्रशिक्षण प्राप्त किया।

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