बैतूल:नन्हे मुन्ने बच्चे जान जोखिम में डालकर कुएं से भर रहे है पानी. नल जल ठेकेदार और पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही

ग्राम सातनेर से अर्पण चिठौर की खास रिपोर्ट

झल्लार : ग्रीष्म की दस्तक के साथी ग्रामीण इलाकों में
पेयजल संकट गिरने लगा बैतूल परतवाड़ा मार्ग पर सबसे सबसे बड़ी पंचायत झालर में ग्रामीण पानी की किलत से जूझ रहे यहां 3 करोड रुपए की लागत की नल जल योजना भी ग्रामीणों को जल संकट से मुक्ती नहीं दिल पाई नन्हे मुन्ने बच्चे जान जोखिम में डालकर कुएं से भर रहे है पानी. नल जल ठेकेदार और पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही भैंसदेही विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत झल्लार, रामजी डाना, कामीदा आदिवासी बाहुल्य गांवों में जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर टंकी निर्माण की गई और पाइप लाइन भी बिछाई गई है, लेकिन पानी की प्रॉपर सप्लाई न होने से पीने के पानी की समस्या अभी भी बनी हुई है. जिससे घरों के नन्हे मुन्ने बच्चो तक को जान जोखिम में डालकर कुएं से पानी भरना पड़ रहा है, झल्लार के ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों को हमने कई बार अपनी समस्या बताई, लेकिन अब तक हमारी इस समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है. यह पीने के पानी समस्या के निराकरण का आश्वासन दे जाते हैं, ठेकेदार और पीएचई विभाग की लापरवाही ग्रामीणों की परेशानी बनी हुई है। जबकि झल्लार में हेंडम्प भी पूरे बंद हो चुके है, दो बोर सूख चुके है इसी के चलते बीस बीस दिन में एक बार नल आ रहा है पीने के पानी का स्त्रोत मात्र एक सार्वजनिक कूप है जिससे पानी आ रहा है। इस पंचायत से तीन गांव जुड़े हैं जिनमें छल्ला कविता और रामजीठाना शामिल है गांव में पर जल जीवन मिशन के लिय 3 करोडरुपए खर्च टकी निर्माण की गई और पाइपलाइन भी बिछाई गई जलजीवन योजना के लिए पानी की टंकी निर्माण होने को करीब 1 साल हो चुके लेकिन इससे सप्लाई नहीं जोड़ी गई हालात यह है कि छह हजार की आबादी वाले झालर झालर में 20 दिन में एक बार जल आपूर्ति की जा रही है मनीष नरवर के मुताबिक ठेकेदार द्वारा अधूरा काम छोड़ गया सरपंच ने आरोप लगाया कि भोपाल के ठेकेदार को योजना का काम 3 करोड रुपए में दिया था जिसके वह अधूरा छोड़ चला गया जिससे व्जह से पेयजल पाइपलाइन का काम अधूरा पड़ा हुआ है ठेकेदार ने पाइपलाइन के लिए जगह-जगह सीसी रोड तोड़ दी नलियो को तोड़ दिया गया जिससे गंदा पानी सड़कों पर फैल रहा योजना में शामिल कविता और रामजी थाना में योजना का काम हुआ है लेकिन यहां टंकी में उसे पेयजल सप्लाई शुरू नहीं की गई जिसकी वजह से 1500 की आवृत्ति वाले कमीदा में करीबी पंचायत से पानी लेकर पेय जल आपूर्ति की जा रही है।

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