नौतपा ने दिखाया अपना प्रकोप उमस भरी गर्मी से लोग परेशान,धूप ने लोगो को घर में किया कैद
Nautapa showed his anger, the people were disturbed by the scorching heat, the incense imprisoned the people in the house
रिपोर्ट:सुमित उपाध्याय
अहरौला/आजमगढ़:वैसे अगर गर्मी की बात करें तो गर्मी गर्मी घटने का नाम नहीं ले रही अपितु बढ़ती ही जा रही है वैसे में बीते 25 तारीख से नौतपा भी चालू हो गया है जो अपना प्रकोप आमजन पर जीव जंतु और प्राकृतिक पर दिखाना शुरू कर दिया है ये नौतपा बीते 25 तारीख से लेकर आने वाली 2 जून तक रहने वाला है आईए जानते हैं यह नौतपा क्या होता है और इसके क्या-क्या मायने होते हैं और हिंदू रीति रिवाज मान्यताओं में इसकी क्या अहमियत है और यह आम जनमानुस पर क्या प्रभाव डालता है । और इस समय क्या करे ।नौतपा का रहस्य । ” दो मूसा ,दो कातरा ,दो तीड़ी ,दो ता
दो की बादी जऴ हरे,दो विश्वर दो वाय”
अर्थात:-नोतपा के पहले दो दिन लु न चली तो चू्हे बहुत हो जाएंगे।अगले दो दिन लु न चली तो कातरा ( फसली कीट) बहुत हो जाएंगे।तीसरे दिन से दो दिन लु नहीं चली तो टिड्डीयों के अंडे नष्ट नहीं होंगे।चोथे दिन से दो दिन अगर नहीं तपा तो बुखार वाले शुक्राणु नहीं मरेंगे।इसके बाद दो दिन नहीं तपा तो विश्वर यानी सांप बिच्छू जैसे विशैले जीव नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे।आखिरी दो दिन लु नहीं चली तो आंधियां अधिक चलेगी फसलें चौपट कर देगी।इसलिए सतर्कता बरतते रहिए। नौतपा एक पारंपरिक भारतीय अवधारणा है, जिसमें सूर्य की गर्मी के प्रभाव को समझने और उसके अनुसार जीवनशैली में बदलाव करने पर जोर दिया जाता है। नौतपा के दौरान, सूर्य की गर्मी अपने चरम पर होती है, और इस समय को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
नौतपा क्या होता है? नौतपा हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश करने के नौ दिनों को कहते हैं। और इस समय सूर्य धरती के बेहद करीब होता है । यह अवधि आमतौर पर मई के अंत या जून की शुरुआत में पड़ती है।वही जब नौतपा के दौरान क्या करे इससे कैसे बचें इसके बारे में अहरौला सीएचसी के अधीक्षक मोहनलाल से पूछा गया तो उन्होंने निम्न बाते बताई जो इस समय करनी चाहिए । गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है , छाछ, नारियल पानी, और अन्य शीतल पेय पदार्थों का सेवन करें। हल्का और सुपाच्य भोजन करें, जैसे कि फल, सलाद, और दही। धूप में निकलने से बचें, खाश कर दोपहर के 12 से 3 बजे और यदि आवश्यक हो तो छतरी या टोपी का उपयोग करें। गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए आराम करें और ठंडे स्थानों पर रहें।और उन्होने बताया की इस नौतपा के दौरान क्या न करें?
भारी और तले हुए भोजन से बचें। धूप में अधिक समय बिताने से बचें। कैफीन और शराब का सेवन कम करें या बंद करें।
नौतपा के दौरान इन सुझावों का पालन करके आप गर्मी के प्रभाव को कम कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं।