कांग्रेस की दुर्गति के जिम्मेदार राहुल गांधी हैं:आचार्य प्रमोद कृष्णम

Rahul Gandhi is responsible for Congress' misfortune: Acharya Pramod Krishnam

नई दिल्ली, 12 जून: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायबरेली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर उनकी बहन प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ती, तो पीएम मोदी को हार का मुंह देखना पड़ता। प्रधानमंत्री इस बार बाल-बाल बच गए। राहुल के इसी बयान पर अब आचार्य प्रमोद कृष्णम की प्रतिक्रिया सामने आई है।

 

 

 

 

 

 

 

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, “राहुल गांधी को चाहिए कि वो प्रियंका गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाएं। कांग्रेस की दुर्दशा देखकर मुझे दया आती है। मुझे अफसोस होता है कि इतनी पुरानी पार्टी की हालत आज इतनी बुरी कैसे हो गई। इस बर्बादी के लिए ना ही नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं, ना बीजेपी और ना ही कोई और। इस बर्बादी के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो राहुल गांधी हैं। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से कांग्रेस का ग्राफ गिरा है, वो गांधी परिवार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। इस पर गांधी परिवार को आत्मचिंतन करना चाहिए। अगर कांग्रेस सच में प्रियंका गांधी वाड्रा का सदुपयोग करना चाहती है, तो उन्हें सबसे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान सौंपे। यह कदम कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति के लिए अच्छा रहेगा।“

 

 

 

 

 

 

 

पीएम मोदी द्वारा कांग्रेस को आदिवासी विरोधी पार्टी बताए जाने पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “सबसे पहले आपको एक बात समझना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में इतिहास रच दिया है। उन्होंने जिस तरह से आदिवासियों के हित में कदम उठाए हैं, वो काबिले-तारीफ है। एक आदिवासी बेटी को भारत का राष्ट्रपति बना दिया। पीएम मोदी ने आदिवासी समुदाय से तीन मुख्यमंत्री बनाए हैं। मैं ऐसा मानता हूं कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक कर्नाटक से कटक तक और कामाख्या से द्वारका तक भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम अगर किसी ने किया है, तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।“

 

 

 

 

 

 

 

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यूसीसी पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “भारत में पैदा होने वाले हर व्यक्ति को एक समान अधिकार मिलना चाहिए। ये तो बाबा साहेब आंबेडकर और महात्मा गांधी का भी मानना था। अगर यूसीसी आता है, तो यह सभी के लिए एक जैसा होगा। यह किसी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करेगा। मैं तो कहता हूं कि अगर भारत सरकार यूसीसी लाने का फैसला करती है, तो सभी घटक दलों को इसका स्वागत करना चाहिए, क्योंकि राष्ट्र को मजबूत करने के लिए यूसीसी जरूरी है।”

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