आजमगढ़ जिला न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन,जिला कारागार के बन्दियों के हुनर को मिला मंच,लोक अदालत में लगा स्टॉल
लोक अदालत : 50 दम्पत्तियों ने समझौते के बाद फिर से शुरू की नयी जिंदगी
आजमगढ़ 13 सितम्बर(आर एन एस) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली व उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा मा0 जनपद न्यायाधीश जय प्रकाश पाण्डेय की अध्यक्षता में आज जनपद न्यायालय परिसर आजमगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें न्यायिक अधिकारीगण, बैक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण, न्यायालय के कर्मचारीगण उपस्थित रहे। राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश जय प्रकाश पाण्डेय द्वारा दीप प्रज्जवलित करके तथा वाग्देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया। लोक अदालत के शुभारम्भ अवसर पर अहसानुल्लाह खान प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय, श्रीमती बन्दना सिंह, पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, अजय कुमार शाही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-01, कमला पति-प् विशेष न्यायाधीश एस0सी0/एस0टी0 एक्ट, अजय श्रीवास्तव अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विजय कुमार वर्मा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, संतोष कुमार यादव नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत, जैनुद्दीन अंसारी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ0टी0सी0 प्रथम तथा अन्य सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण, बार के अध्यक्ष तथा महामंत्री व बैंक के पदाधिकारीगण ने वाग्देवी की प्रतिमा के समक्ष पुष्पार्चन किया।जनपद न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत आम आदमी के लिए उपलब्ध एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है, जिसके माध्यम से विवाद का निपटारा निःशुल्क व त्वरित किया जाता है। लोक अदालत में दिया गया फैसला अन्तिम होता है, उसके खिलाफ किसी उपरी न्यायालय में अपील नहीं होती हैं। लोक अदालत में दिये गये फैसले सुलह-समझौते के आधार पर होते हैं इसलिए पक्षकारों के बीच मतभेद भी समाप्त हो जाते है। इसमें न कोई जीतता है और न ही कोई हारता है।
लोक अदालत में निस्तारण हेतु कुल 112315 वाद चिन्हित किये गये थे, जिसमें कुल 99884 वाद निस्तारित हुए तथा रू0 253038958/- धनराशि का समझौता हुआ। प्रीलिटिगेशन स्तर पर 84741 तथा कोर्ट से 15143 दीवानी व फौजदारी वाद, राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित हुए। माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा 02 वादों का निस्तारण किया गया। श्रीमती बन्दना सिंह, मा0 पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा कुल 116 वादों का, अजय कुमार शाही, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-01 द्वारा कुल 01 वाद का, श्री कमला पति-प् विशेष न्यायाधीश एस0सी0/एस0टी0 एक्ट द्वारा 05 वादों का, श्री अजय श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0- 03 द्वारा 03 वादों का, श्री विजय कुमार वर्मा, विशेष न्यायाधीश ई0सी0 एक्ट द्वारा कुल 533 वादों का, संतोष कुमार यादव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं0-06 द्वारा 17 वादों का निस्तारण किया गया। जैनुद्दीन अंसारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ0टी0सी0-I द्वारा 02 वादों का, अमर सिंह-I अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफ0टी0सी0-02 द्वारा 04 वादों का निस्तारण किया गया। सत्यवीर सिंह मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट द्वारा 3402 वादों का निस्तारण किया गया वहीं पारिवारिक न्यायालय से अहसानुल्लाह खान, प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय द्वारा 34 वादों का, प्रेम शंकर, अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय संख्या-01 द्वारा 136 वादों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार पारिवारिक न्यायालय द्वारा कुल 170 वादों का निस्तारण किया गया, जिनमें 50 दम्पत्तियों ने एक- दूसरे को माला पहनाकर व मिठाई खिलाकर एक साथ जाने का निर्णय लिया।इस लोक अदालत में जिला कारागार, आजमगढ़ में निरूद्ध बन्दियों द्वारा कौशल विकास के तहत बनाये गये सामानों का भी स्टॉल लगाया गया। कार्यक्रम का संचालन अंकित वर्मा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आजमगढ़ द्वारा किया गया। इस प्रकार लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया।