योगी आदित्यनाथ के मन में सनातन का प्रेम कम, कुर्सी का प्रेम ज्यादा : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
Yogi Adityanath has less love for Sanatan and more love for the chair: Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda
लखनऊ: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गोध्वज स्थापना यात्रा पर निकले हैं। सोमवार को वह लखनऊ में थे। यहां मीडिया के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, योगी आदित्यनाथ के मन में सनातन का प्रेम कम है, लेकिन कुर्सी का प्रेम ज्यादा है। उनका हिंदुत्व कमजोर है। हालांकि, योगी जी हमारे बहुत प्रिय हैं। लेकिन, सच तो कहना ही होगा और हम सच कह रहे हैं।
उन्होंने कहा, मंदिरों में बाहर से लाए जाने वाले प्रसाद पर रोक लगा देनी चाहिए। किसी मंदिर के महंत ने ऐसा फैसला लिया है, जो स्वागत योग्य है, दूसरे मंदिरों को भी ऐसा करना चाहिए।
उन्होंने कहा, गाय के संरक्षण के लिए हमने राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक से समय मांगा। लेकिन, किसी ने समय नहीं दिया है। इसलिए, हम यात्रा पर निकले हैं, क्योंकि, हम समझ गए हैं कि जनती ही असली सरकार है।
सच्चा हिंदू गौ हत्या को बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, हम जनता के बीच जा रहे हैं, उनके विवेक को जागृत कर रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि अगर गौ हत्या वाली पार्टी को समर्थन करते हो, तो गौ हत्या का पाप लगेगा। गौ रक्षक पार्टी को वोट दोगे, तो पुण्य मिलेगा।
शंकराचार्य रविवार को अयोध्या में थे। हालांकि, इस दौरान उन्होंने राम मंदिर में भगवान के दर्शन नहीं किए। इस सवाल के जवाब में शंकराचार्य ने कहा, आज ही गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए, तो हम आज श्री राम दर्शन का करने के लिए अयोध्या चले जाएंगे।
शंकराचार्य के एक्स अकाउंट से पोस्ट किया गया, ”अब समय आ गया है कि हर हिंदू गौमाता के प्राण और उनकी प्रतिष्ठा को बचाने का लिए गौमतदाता बने, क्योंकि जिन पार्टियों और नेताओं के भरोसे हम आजादी के 78 साल रहे, उन्होंने हमारे भरोसे को तोड़ दिया है। अब मतदाताओं को कमर कसनी होगी और उसी पार्टी और प्रत्याशी को मतदान का संकल्प लेना होगा, जो गौमाता के प्राण और प्रतिष्ठा की रक्षा की शपथ पूर्वक घोषणा कर चुका हो।