रमज़ान की आमद से गुलजार हुए मुस्लिम बहुल इलाके, भाईचारे की मिसाल बना शहर

With the advent of Ramzan, Muslim-dominated areas became vibrant, the city became an example of brotherhood

 

संस्कारधानी जबलपुर में रमज़ान का आगाज़ होते ही मुस्लिम बहुल इलाकों में चहल-पहल बढ़ गई है। हर तरफ खुशहाली का माहौल है, और रोज़े की रौनक लोगों के चेहरों पर साफ झलक रही है। शहर के नया मोहल्ला, मोहम्मदी गेट और आसपास के क्षेत्रों में बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है।

रमज़ान के आगमन के साथ ही इफ्तारी के सामानों की खरीदारी जोर पकड़ने लगी है। सड़क के दोनों ओर बेकरी आइटम, खजूर, फल और शर्बत की दुकानें सजी हुई हैं। दिल्ली के मशहूर चांदनी चौक के नज़ारे की झलक शहर के बाजारों में देखने को मिल रही है। स्थानीय बाजारों में हलचल तेज हो गई है, और दुकानदारों के चेहरे पर एक अलग ही रौनक दिखाई दे रही है।

शहर में अमन-चैन और भाईचारे की मिसाल

स्थानीय व्यापारी और होटल व्यवसायी इशहाक खान, जो शहर के प्रतिष्ठित “बरेली होटल” के मालिक हैं, ने बताया कि रमज़ान का महीना सिर्फ इबादत और रोज़े तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में सौहार्द और भाईचारे का संदेश भी देता है। उन्होंने कहा, “हम सभी व्यापारी और शहर के मुसलमानों की तरफ से पूरे शहरवासियों को रमज़ान की ढेरों मुबारकबाद देते हैं। हमारा शहर संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है, और यहां के लोगों का मिज़ाज भी ठीक वैसा ही है—संस्कारों और आपसी सौहार्द से भरा हुआ। यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी मिलकर त्योहार मनाते हैं और खुशियां साझा करते हैं।”

शहर की गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक रमज़ान के इस पाक महीने में भी साफ दिखाई देती है। जहां मुस्लिम समाज रोज़े रखते हैं, वहीं उनके हिंदू, सिख और ईसाई दोस्त भी उनके साथ इस खुशी में शरीक होते हैं। कई हिंदू व्यापारी भी रमज़ान के इस मौके पर मुस्लिम ग्राहकों की सुविधा के लिए खास इंतजाम करते हैं।

इफ्तारी और तरावीह की तैयारियां जोरों पर

शहर की प्रमुख मस्जिदों में तरावीह और इफ्तार के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। मस्जिदों में सफाई और सजावट का काम लगभग पूरा हो चुका है। विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से जरूरतमंदों के लिए रोज़ा इफ्तार के इंतजाम भी किए जा रहे हैं।

स्थानीय लोग इस पवित्र महीने को पूरे जोश और श्रद्धा के साथ मना रहे हैं। इशहाक खान ने कहा, “हम दुआ करते हैं कि रमज़ान की बरकत से पूरे शहर में अमन-चैन कायम रहे और हर किसी की ज़िंदगी खुशहाल हो।”

रमज़ान सिर्फ इबादत का महीना नहीं, बल्कि इंसानियत और मोहब्बत का भी पैगाम देता है। यह महीना सिखाता है कि इंसान को सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए सोचना चाहिए। संस्कारधानी जबलपुर हमेशा से भाईचारे और आपसी प्रेम का संदेश देता आया है, और रमज़ान के इस पाक महीने में यह भावना और भी मजबूत होती नजर आ रही है। भैया बरेली होटल जावेद बिरयानी व्यापारी संघ की तरफ से हिंदुस्तान के लिए अमन शांति की दुआएं मांगी गई

जबलपुर से वाजिद खान की रिपोर्ट

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