जिलाधिकारी ने किया राजस्व कार्याें की मासिक समीक्षा बैठक,राजस्व वादों के निस्तारण की प्रगति में लायें अपेक्षित सुधार- जिलाधिकारी
पैमाइश के बाद यदि पुनः अवैध कब्जा किया जाये तो संबंधित के विरुद्ध क्रिमिनल एक्ट में कार्यवाही सुनिश्चित करें- जिलाधिकारी
प्रवर्तन कार्यवाही करते हुए राजस्व वसूली में वृद्धि सुनिश्चित करें- जिलाधिकारी
आजमगढ़ 29 मई: जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में कल सायं कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व विभाग एवं अन्य विभागों की राजस्व वूसली एवं राजस्व वादों की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।जिलाधिकारी ने सभी राजस्व एवं अन्य विभागों के अधिकारियों को सीएम डैशबोर्ड का प्रदेश स्तर से मूल्यांकन प्राप्त होने के बाद सी,डी एवं ई ग्रेड वाले विभागों को राजस्व से संबंधित वादों के निस्तारण की कार्यवाही प्रारंभ करना सुनिश्चित करें। धारा 24 के निस्तारण में सगड़ी, बूढ़नपुर, मेंहनगर द्वारा अपेक्षित लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति बहुत धीमी मिलने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए गुणवत्तायुक्त निस्तारण करने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने समस्त राजस्व अधिकारियों को 24 घंटे के अंदर धारा 24 के कम से कम 25 प्रतिशत वादों को निस्तारित करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने धारा 80 के वादों को 30 दिन के अंदर स्पष्ट आदेश करते हुए निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होने धारा 34 एवं धारा 67 में सबसे अधिक लंबित वाले तहसीलों के नायब तहसीलदारों को नोटिस देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नोटिस के बाद भी सुधार नहीं आता है तो प्रतिकूल प्रविष्टि दिया जाए।जिलाधिकारी ने खनन अधिकारी को संबंधित तहसीलों के उप जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर अवैध खनन के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए राजस्व वसूली में वृद्धि करना सुनिश्चित करें। उन्होने खनन अधिकारी को निर्देश दिया कि रोस्टर बनाकर सप्ताह में कम से कम 4 दिन समस्त तहसीलों में अवैध खनन के विरूद्ध प्रवर्तन कार्यवाही सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी को लक्ष्य अधिक होने के कारण रिवाइज कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी में जीएसटी विभाग को विद्युत विभाग से व्यावसायिक कनेक्शनों की सूची लेकर जीएसटी की वसूली में वृद्धि करने के निर्देश दिए। फार्मर रजिस्ट्री की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि कम से कम गांव वाले लेखपालों को बुलाकर निस्तारित करायें। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी के ऊपर विभागीय कार्यवाही 6 महीने से अधिक लंबित नहीं होनी चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा की आय, जाति, निवास एवं जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित प्रकरण लंबित न रहे। उन्होंने कहा की धारा 67 के केस बिना साक्ष्य के रेस्टोरेशन न करें। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन की कार्यवाही करते हुए गूगल सीट पर डाटा को भरा जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तहसील के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 5 लेखपालों को बुलाकर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) उनके कार्यों की समीक्षा करें। उसके बाद भी यदि उनके कार्य एवं आचरण में सुधार परिलक्षित नहीं होता है तो विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा की पैमाइश के बाद यदि पुनः अवैध कब्जा किया जाये तो संबंधित के विरुद्ध क्रिमिनल एक्ट में कार्यवाही किया जाए। उन्होंने कहा की धारा 33ए के अंतर्गत यदि कोई विशेष आपत्ति न हो तो निर्विवाद विरासत करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने स्वामित्व योजना, रियल टाइम खतौनी, आदि कार्यों की समीक्षा कर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री राहुल विश्वकर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री गंभीर सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी श्री संजीव ओझा, समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एक्सीयन विद्युत, खनन अधिकारी एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।