ईरान पर हमले के बाद ट्रंप का पलटा बयान, बोले– “सत्ता परिवर्तन भी हो सकता है विकल्प”
वॉशिंगटन/तेहरान: ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले के 24 घंटे के भीतर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रुख में बड़ा बदलाव करते हुए अब ईरान में सत्ता परिवर्तन की संभावना जताई है। ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान की मौजूदा सरकार अपने देश को फिर से महान बनाने के लिए तैयार नहीं है, तो बदलाव जरूरी हो सकता है।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राजनीतिक रूप से ‘सत्ता परिवर्तन’ शब्द उपयुक्त नहीं हो सकता, लेकिन अगर ईरानी शासन देश को बेहतर बनाने में विफल रहता है तो क्या वहां बदलाव नहीं होना चाहिए?”
इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि उनका उद्देश्य अयातुल्ला अली खामेनेई को सत्ता से हटाना नहीं है, बल्कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पेट हेगसेठ और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी हमलों के तुरंत बाद यही बयान दोहराया था कि अमेरिका का उद्देश्य सरकार बदलना नहीं है।
परमाणु ठिकानों पर हमला अधूरा साबित हुआ?
हालांकि ट्रंप ने रविवार को दावा किया था कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु संयंत्रों को “मिट्टी में मिला दिया”, लेकिन सैटेलाइट इमेज और खुफिया रिपोर्ट्स कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फोर्डो और इस्फहान जैसे महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों में अब भी संवर्धित यूरेनियम पूरी तरह सुरक्षित है।
खासकर इस्फहान परमाणु संयंत्र, जहां ईरान का 60% से अधिक संवर्धित यूरेनियम मौजूद है, वहां अमेरिकी टॉमहॉक मिसाइलों और बंकर बस्टर बमों के बावजूद गहराई में स्थित संरचनाएं सुरक्षित हैं। हथियार विशेषज्ञ जेफ्री लेविस के अनुसार, “इस्फहान की ऊपरी संरचना को नुकसान हुआ है, लेकिन अंदरूनी सुरंगों में रखा यूरेनियम सुरक्षित है। यह हमला अधूरा रहा है।”
इसकी पुष्टि सऊदी अरब, कुवैत और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी की है। ईरान के शीर्ष नेता खामेनेई के सलाहकार अली शामखानी ने भी कहा कि, “हमले हुए हैं, लेकिन खेल खत्म नहीं हुआ। हमारा परमाणु कार्यक्रम और सत्ता अभी भी कायम है।”