ईरान ने हमला किया कतर और इराक पर कांप पर हैं सऊदी अरब और UAE
Iran's big attack: Missiles fired on US Al-Udeid Air Base in Qatar, panic across the Middle East
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव ने खतरनाक मोड़ ले लिया है। ईरान ने कतर की राजधानी दोहा स्थित अमेरिका के सबसे बड़े एयर बेस अल-उदीद पर मिसाइल हमला किया है। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान की ओर से करीब 10 मिसाइलें कतर के हवाई क्षेत्र में दागी गईं। इस हमले के बाद पूरा मध्य पूर्व दहशत में है।
सायरन नौ देशों में गूंजे, एयरस्पेस बंद
ईरानी हमले के फौरन बाद न सिर्फ कतर, बल्कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया। हालात की गंभीरता को देखते हुए बहरीन, कुवैत और अन्य खाड़ी देशों ने भी सुरक्षा कारणों से हवाई मार्ग सील कर दिए हैं। सायरनों की आवाज नौ देशों में सुनी गई, जो इस हमले की व्यापकता को दर्शाता है।
GCC की तीखी प्रतिक्रिया, कतर ने जताई नाराजगी
गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ईरान ने कतर की संप्रभुता का घोर उल्लंघन किया है। वहीं, कतर सरकार ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा:
“ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड की ओर से अल-उदीद एयर बेस पर किया गया हमला न केवल कतर की संप्रभुता और हवाई क्षेत्र का उल्लंघन है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के भी खिलाफ है। कतर इस बेशर्मीपूर्ण आक्रमण का सीधा और सटीक जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है।”
अमेरिका और इजराइल में अलर्ट, ट्रंप सिचुएशन रूम से हालात पर नजर रखे हुए
इस हमले ने केवल खाड़ी देशों में ही नहीं, बल्कि वॉशिंगटन और जेरुसलम में भी हलचल मचा दी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सिचुएशन रूम से घटनाक्रम पर निगरानी कर रहे हैं। वहीं, इजराइल की राजधानी जेरुसलम में उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई गई है। दोनों देशों ने अपने सैन्य प्रतिष्ठानों को हाई अलर्ट पर रखा है।
IRGC की चेतावनी: अगला हमला और बड़ा होगा
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बयान में कहा:
“यह हमला अमेरिकी नेतृत्व में हमारी परमाणु सुविधाओं पर किए गए हमलों की प्रतिक्रिया है। यदि ईरान की संप्रभुता के खिलाफ कोई और कदम उठाया गया, तो उसका और भी कड़ा जवाब दिया जाएगा।”
अगला निशाना सऊदी या UAE?
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तनाव और बढ़ा तो ईरान की अगली मिसाइल वेव का निशाना सऊदी अरब या UAE के अमेरिकी सैन्य ठिकाने हो सकते हैं। ऐसे में पूरे क्षेत्र में भय और अनिश्चितता का माहौल है।