पूर्व प्रधान मन्त्री वीपी सिंह सच्चे सामाजिक न्याय के मसीहा थे- पूर्व सांसद डा संतोषसिंह
Former Prime Minister VP Singh was a true messiah of social justice - Former MP Dr Santosh Singh
रिपोर्ट :अशोकश्रीवास्तव ब्यूरोप्रमुख।
घोसी।घोसी नगर स्थित केनरा बैंक के पास भारत के सातवें प्रधानमंत्री, शोषितों, वंचितों, पिछड़ों के मसीहा एवं सामाजिक न्याय एवं धर्मनिरपेक्षता के प्रखर प्रहरी वी पी सिंह की जयंती कार्यक्रम संयोजक शिक्षक नेता मनोज सिंह की उपस्थिति में आयोजित किया गया। मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ जय प्रकाश राय धूमकेतु एवं संचालन पवनी समाज के अध्यक्ष श्याम मनोहर विश्वकर्मा ऊर्फ हिटलर ने किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉ संतोष कुमार सिंह ने कहा कि स्व वीपी सिंह ने अपने सम्पूर्ण राजनीतिक जीवन में अपनी ईमानदार छवि पर आंच नहीं आने दिया एवं उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी उनके ईमानदारी पर सवाल नहीं खड़ा कर सके। जिला किसान सभा के अध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र ने कहा कि वी पी सिंह अपने ग्यारह महीने के कार्यकाल में किसानों के पक्ष में निर्णायक फैसले किए। उनके शासन काल में बाइस प्रकार के अनाज को एम एस पी के दायरे में लाया गया। पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक एवं वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवचन्द्रराम कहा कि – मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के साथ वी पी सिंह के अन्य फैसलों ने भारतीय राजनीति और समाज को गहरे रूप से आंदोलित किया एवं उनका कार्यकाल मील का पत्थर साबित हुआ। नेता ओमप्रकाश बागी ने कहा कि – वीपी सिंह ने भूदान आंदोलन में अपनी हजारों एकड़ जमीन गरीबों में बांट दिया। उन्होंने सामाजिक न्याय के लिए अपना सम्पूर्ण राजनीतिक कैरियर दांव पर लगा दिया। उनके त्याग को हमें भूलना नहीं चाहिए। पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्री इंतेखाब आलम ने कहा वर्तमान भारतीय राजनीति वी पी सिंह द्वारा स्थापित मूल्यों के ईर्द-गिर्द घूमती नजर आ रही है। सोशल एक्टिविस्ट अरविन्द मूर्ति ने वी पी सिंह को भारतीय राजनीति का अद्वितीय नेता बताया। वी पी सिंह के निर्णयों ने पिछड़ों दलितों को जगा दिया। इस अवसर पर एडवोकेट सत्य प्रकाश सिंह, एडवोकेट, अनिल मिश्रा,कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष रामाश्रय यादव , राम नारायण सिंह, डॉ राम विलास भारती, पी एन सिंह एडवोकेट, किसान नेता शेख हिसामुद्दीन, हाजी गुफरान , सी पी एम के जिला मंत्री अज़ीम ख़ान, जंगशेर बहादुर राणा, यशवंत सिंह चौहान, उदय भान राय, स्वामी नाथ राय, फकरे आलम, शैलेश कुमार यादव, डॉ राम निवास विश्वकर्मा इत्यादि ने विचार व्यक्त किये। अंत में घोसी संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री अरविन्द पाण्डेय ने आभार व्यक्त किया।