तीसरी मोहर्रम को जैनबियों अज़ाखाने से निकला अलम का जुलूस

On the third day of Muharram, the procession of Alam came out from the Zainab Azakhana

रिपोर्ट :अशोकश्रीवास्तव ब्यूरोप्रमुख।
घोसी । घोसीनगर के बड़ागाँव शिया मुहल्ले में तीसरी मुहर्रम दिन रविवार की रात्रि 9:बजे अलम का जुलूस निकाल कर अक़ीदत मंदो ने नोहा व मातम किया।जुलूस अज़ाखाने जैनबिया से निकाल कर ज़ाफ़री मस्जिद के पास से गुज़रता हुआ देर रात लगभग 12:बजे सदर बाज़ार इमाम चौक पर समाप्त हुआ।सदर बाजार में मौलाना शफ़क़त तक़ी ने तक़रीर कर वहाँ उपस्थित आज़ादारो को संबोधित करते हुये कहा कि इमाम हुसैन अ:ने कर्बला के मैदान में जो कुर्बानी दी।वो कुर्बानी सिर्फ मुसलमानों के लिए नही थी ना ही इस्लाम के लिए बल्कि वो कुर्बानी तमाम आलमे इस्लाम के लिए थी।और इंसानियत के लिये वो कुर्बानी आज से लगभग 14,46 बरस पहले इमाम हुसैन ने आतंकवाद के खिलाफ दहशत गर्दी का इससे कोई तल्लुक नही है। उसी कुर्बानी की याद में आज
हिंदुस्तान के कोने कोने में इमाम हुसैन के गम मनाया जाता है।और आज भी जब मुहर्रम में इमाम हुसैन का जुलूस निकलता है। तो लगता है। कि इमाम हुसैन जो14,46 बरस पहले जो कुर्बानी नही दी है।बल्कि लगता है की आज ही मुहर्रम में और आज ही इमाम हुसैन शहीद हुए है। गमे हुसैन अजादारों के दिलो में एक दम ताज़ा हो जाता है।उन्होंने कहा कि अगर क़यामत तक हम भारत सरकार का आभार प्रकट करे तो भी कम है।क्योंकिहमें अज़ादारी करने के लिए आज़ादी है।और पुलिस प्रशासन भी साथ मे सहयोग करता है।दौराने जुलूस अली मुहम्मद व शफ़क़त तक़ी ने नोहा पढ़ा (1)
पानी दो मै हुसैन हु
लखते दिले मुहम्मद ज़हरा का नूर है
एैन हु पानी दो मै हुसैन हु।
इस अवसर पर उल्फत हुसैन, कायम रज़ा, तनवीर अब्बास, अली मुहम्मद, मिशम अली, फरहत अब्बास, रिज़वान अस्करी, गफ़्फ़ार अब्बास, सलमान अख्तर, मो तक़ी, सिब्ते हसन, मेंहदी अब्बास, फ़ैयाज़ शब्बर, आरिफ हुसैन, जुल्फेकार अली, मो०कामरान सहित बड़ी संख्या में शिया समुदाय के लोग मौजूद रहे।शांति व्यवस्था मे उपनिरीक्षक आकाश श्रीवास्तव हमरहियो के साथ मौजूद रहे।

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