आजमगढ़:उर्वरकों की कालाबाज़ारी पर शिकंजा,अनियमितता की शिकायत पर पांच मोबाइल नंबर जारी
Azamgarh: Crackdown on black marketing of fertilizers, five mobile numbers issued on complaint of irregularities
आजमगढ़ 04 जुलाई– जिला कृषि अधिकारी डॉ0 गगनदीप सिंह ने बताया है कि प्रिय किसान भाइयों जनपद में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है, जिसके अन्तर्गत यूरिया (एन 46 प्रतिशत) 32593 मेट्रिक टन, डीएपी (एन 18 प्रतिशत, पी 46 प्रतिशत) 5720 मेट्रिक टन, एमओपी (के 60 प्रतिशत) 657 मेट्रिक टन, एनपीकेएस (एन 20 प्रतिशत, पी 20 प्रतिशत, एस 13 प्रतिशत) 3762 मेट्रिक टन, एसएसपी (पी 16 प्रतिशत, एस 11 प्रतिशत) 5549 मेट्रिक टन उपलब्ध है।
उन्होने जनपद के किसान भाइयों को सूचित किया है कि उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग से मृदा एवं पर्यावरण की क्षति होती है, साथ ही कृषि निवेशों से लागत में भी वृद्धि होती है। जबकि फसल की उत्पादकता में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं प्राप्त होते हैं। ऐसी दशा में धान के लिए एनपीके 120-60-40 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 6 बोरी प्रति हे0, डीएपी 3 बोरी प्रति हे0, मक्का के लिए एनपीके 120-60-40 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 6 बोरी प्रति हे0, डीएपी 3 बोरी प्रति हे0, गन्ना के लिए एनपीके 150-80-60 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 7 बोरी प्रति हे0, डीएपी 5 बोरी प्रति हे0, गन्ना पेड़ी के लिए एनपीके 180-80-40 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 8 बोरी प्रति हे0, डीएपी 5 बोरी प्रति हे0, दलहनी फसल के लिए एनपीके 25-50-0 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 1 बोरी प्रति हे0, डीएपी 2 बोरी प्रति हे0, ज्वार के लिए एनपीके 120-60-40 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 6 बोरी प्रति हे0, डीएपी 3 बोरी प्रति हे0, बाजरा के लिए एनपीके 120-60-40 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 6 बोरी प्रति हे0, डीएपी 3 बोरी प्रति हे0, तिल के लिए एनपीके 50-60-30 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 2 बोरी प्रति हे0, डीएपी 3 बोरी प्रति हे0, गेहूं के लिए एनपीके 120-60-40 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 6 बोरी प्रति हे0, डीएपी 3 बोरी प्रति हे0 एवं सरसों के लिए एनपीके 120-60-40 किग्रा प्रति हे0, यूरिया 6 बोरी प्रति हे0, डीएपी 3 बोरी प्रति हे0 वैज्ञानिक संस्तुत मात्रा की आवश्यकता होती है। वर्तमान में पीएम प्रणाम योजना के अंतर्गत यूरिया एवं डीएपी उर्वरकों के संतुलित उपयोग एवं उक्त उर्वरकों के पोषक तत्वों को अन्य उर्वरक के माध्यम से पूर्ति किया जाना है। जिससे की मृदा एवं पर्यावरण की गुणवत्ता बनी रहे। कृषक भाई अपनी जोत/भूमि के अनुसार ही उर्वरक क्रय करें। अनावश्यक उर्वरकों का भंडारण ना करें तथा फसलों में संस्तुत उर्वरकों का ही प्रयोग करें। किसान भाई उर्वरक खरीदने हेतु आधार कार्ड अवश्य साथ लाएं तथा विक्रेता से कैश मेमो अवश्य प्राप्त करें। नाइट्रोजन उर्वरक की टॉप ड्रेसिंग हेतु यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया का प्रयोग करें।नाइट्रोजन की टॉप ड्रेसिंग फसल की दो अवस्था में करें। पहले 30 दिन की बुवाई के पश्चात तथा दूसरी 50 से 60 दिन की बुवाई के पश्चात। इफको कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया है कि नैनो यूरिया की एक बोतल का प्रयोग एक बैग यूरिया के बराबर किया जाता है। नैनो यूरिया का प्रयोग पत्तियाँ पर किया जाता है, जिससे नैनो यरिया आसानी से पत्तियों के रंधों एवं अन्य छिद्रों के माध्यम से पौधों में प्रवेश कर जाता है। पौधों कोशिकाओं के द्वारा नैनो यूरिया अवशोषित कर लिया जाता है। नैनो यूरिया पौधों के फ्लोयम के माध्यम से आवश्यकता अनुसार वितरित होता है। अप्रयुक्त नाइट्रोजन पौधों के रिक्तिका में स्टोर रहता है और पौधों के उचित विकास और वृद्धि के लिए धीरे-धीरे छोड़ा जाता है। जिससे फसल में नैनो यूरिया के माध्यम से उपलब्धता 80 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
जिला कृषि अधिकारी ने किसान भाइयों एवं उर्वरक विक्रेताओं से अपील किया है कि उर्वरक की संस्तुत मात्रा के अनुसार उर्वरकों का क्रय विक्रय करें। जिससे फसलो एवं मृदा पर रसायनों के नकारात्मक प्रभाव न पड़े। यदि किसी विक्रेता द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर पर उर्वरक विक्रय अथवा प्रचलित उत्पाद के साथ गैर प्रचलित उत्पाद टैग किये जाएंगे तो ऐसी दशा में किसान संबंधित दुकानदार की शिकायत जिला कृषि अधिकारी अथवा जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के कंटोल रूम मोबाइल नंबर 09792773880, 09450753720, 09453072429, 07839882455. 08527436613 पर संपर्क कर सकते हैं।