अकीदतमंदो ने अंगारों पर चल इमाम हुसैन के बेटे को किया गया याद।
रिपोर्ट :अशोकश्रीवास्तव ब्यूरोप्रमुख।
घोसी। घोसीनगर के बड़ागाँव शिया मुहल्ले में मुहर्रम की आठवीं तारीख़ को कर्बला के शहीदों की याद में निकाला गया।जुलूस को धार्मिक रीति रिवाज के साथ निकाला गया।जो रात्रि लगभग 2:बजे तक चला इमाम हुसैन के छः महीने के बेटे अली असगर की याद में सोमवार की रात्रि में अलम व ताबुत का जुलूस अज़ाखाने अबुतालिब से निकल कर निमतले सहन में अंगारे पर मातम किया गया।साथ ही जनाबे इब्राहिम नबी को भी याद किया गया। इब्राहिम नबी को जब वक़्त के बादशाह नमरूद ने इब्राहिम नबी को आग के हवाले कर मारना चाहा तो इब्राहिम नबी अल्लाह पाक़ से दुआ की और आग गुलज़ार कर दिया ।बाद इसके मौलाना शफ़क़त तक़ी ने तक़रीर किया और बताया कि समाज को हुसैनी किरदार निभाना चाहिये तभी समाज को एक अच्छा समाज मिलेगा।इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों ने अपनी कुर्बानी किसी हुकूमत के लिए नही बल्कि इंसानियत के लिए दी।जुलूस निमतले देर रात्रि तक चला।जुलूस में अंजुमन सज्जादिया ने नोहा खानी व मातम किया तो वही आठवीं मुहर्रम को दिन में हाज़री की मजलिस हजरत अब्बास अलमदार की शान में हुई।अब्बास हजरत इमाम हुसैन के भाई थे उनकी वफादारी की मिसाल नही मिलती उन्होंने अपने भाई इमाम हुसैन के लिये जान दे दी लेकिन कभी कोई शिकायतनही की अब्बास वो बहादुर सिपाही का नाम है जो हज़रोंपर अकेले भारी पड़ने वाला बहादुर था इमाम हुसैन को उन पर नाज़ था। अंजुमन के द्वारा पेश नोहा
इशारा करता है जाने रोबाब झूले से
मै लाके छोड़ूगां सो इंक़ेलाब झूले से
पढ़ते हुये अक़ीदतमंद लोगो ने मातम करते हुए कर्बला के शहीदों को याद किया।इस अवसर पर शमीम हैदर, इफ्तेखार उर्फ मुन्ना, अब्बास, मुज़फ्फर हुसैन, हुसैन फराज़,आफताब अहमद, शाजिद हुसैन, जौहर अली, बाक़र रज़ा, अज़हर हुसैन, मज़हर अली,मुहम्मद हुसैन, जावेद हुसैनी, कबिरुल हसन, ताहिर हुसैन, हिकमत अली, सिब्ते हसन, इसरत अली, आदि लोग मौजूद रहे।