मच्छरों के लार्वा नष्ट करने को तालाबों में डाली गई गम्बूजिया -हाई रिस्क क्षेत्र के चिन्हित किए गए तालाब।
विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
देवरिया।
मानसूनी बारिश शुरू हो चुकी है। ऐसे मौसम में मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया व चिकनगुनिया फैलने का खतरा बढ़ गया है। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में इन बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए चल रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान व वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार को नगरीय क्षेत्र सहित चार ब्लाकों के चिन्हित हाई रिस्क क्षेत्र व गावों के तालाबों में गंबूजिया मछलियां डाली गई हैं। यह मछलियां मच्छरों के लार्वा को नष्ट करती हैं। उन्हें खुले पानी में पनपने से रोकती हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग व मत्स्य विभाग की टीम ने रामपुर कारखाना ब्लॉक के डुमरी, सिधुआ, बैतालपुर ब्लॉक के परसौना, खराइच ,सदर ब्लॉक के गोबराई गांव व नगरीय क्षेत्र के सोमनाथ, देवरही, परमार्थी पोखरा, लक्षीराम पोखरा सहित 11 तालाबों में लगभग 12 हजार गंबूजिया मछली डाली गई । जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि बरसात के मौसम में जलभराव वाले स्थानों पर मच्छर पैदा होने और उन मच्छरों के काटने से बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ए.ई.एस.,मलेरिया व डेंगू का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में बिना कोई केमिकल इस्तेमाल किए ईको फ्रेंडली तरीके से मच्छरों को पनपने से रोका जाता है। मछलियों को तालाब में डालने से वहां का पानी तो साफ होता ही है साथ ही मच्छर भी नहीं पनप पाते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि बारिश के मौसम में अपने घर कूलर, खाली पड़े गमले, टायर या आसपास पानी एकत्र नहीं होने दें, क्योंकि डेंगू का मच्छर अक्सर साफ पानी में पनपता है। एक मछली प्रतिदिन कम से कम 100 से 300 मच्छरों के लार्वा को खाती है।
इस कार्य में सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक नवीन प्रकाश, सीपी सिंह सहित मत्स्य विभाग के मुख्य कार्य अधिकारी विजय मिश्र एवं मत्स्य निरीक्षक रितेश शाही का विशेष सहयोग रहा।