आजमगढ़ के सर सैयद इंटर कॉलेज प्रकरण: कॉलेज और शिक्षिका पर लगे आरोप बेबुनियाद साबित,पुलिस जांच में खुलासा,धर्मांतरण नहीं, पारिवारिक विवाद है मामला

Azamgarh news:सीमा मौर्य ने लगाए झूठे आरोपों के दावे, बताया पारिवारिक विवाद का असर

 रिपोर्ट:जितेंद्र शुक्ला

माहुल (आजमगढ़)। क्षेत्र के सर सैयद इंटर कॉलेज में कथित धर्मांतरण के आरोपों पर मचे बवाल के बीच पुलिस की अब तक की जांच में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है। पुलिस अधिकारियों ने विद्यालय स्टाफ से विस्तृत पूछताछ और कॉलेज परिसर का निरीक्षण करने के बाद यह स्पष्ट किया कि अब तक की जांच में धर्मांतरण जैसी किसी भी गतिविधि की पुष्टि नहीं हो सकी है।

शनिवार को क्षेत्राधिकारी फूलपुर किरण पाल सिंह और अहरौला थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार ने कॉलेज के समस्त कर्मचारियों से बंद कमरे में बारी-बारी से सघन पूछताछ की। इसके बाद रात में कॉलेज की शिक्षिका सीमा मौर्य और उनके भाई जगदीश मौर्य को अहरौला थाने बुलाकर दो घंटे तक गहराई से पूछताछ की गई।

ज्ञात हो कि महाराजगंज थाना क्षेत्र की निवासी राधिका मौर्य ने अहरौला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कॉलेज के उपप्रबंधक गालिब खान पर उनकी बहू सीमा मौर्य का धर्मांतरण करवाने और रोजा-नमाज के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया था। जांच के प्रारंभिक चरण में पुलिस ने उपप्रबंधक गालिब खान को क्लीन चिट दे दी थी।

बाद में सीमा मौर्य की ननद आकांक्षा उर्फ रानी मौर्य ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर गालिब खान समेत कॉलेज की दो शिक्षिकाओं व कुछ अन्य लोगों पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। हालांकि, शिक्षिका सीमा मौर्य ने पूछताछ में इन सभी आरोपों को बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताया है।

सीमा मौर्य ने पुलिस को बताया कि 2018 में वह आकांक्षा मौर्य को जानती तक नहीं थीं। उनकी शादी 2019 में आकांक्षा के भाई पराग मौर्य से हुई थी और पहली बार आकांक्षा से उनकी मुलाकात जयमाल स्टेज पर ही हुई थी। सीमा ने यह भी कहा कि वह पूरी तरह से अपने भाई और परिवार की सहमति से कॉलेज में कार्यरत हैं और उनके ससुराल वालों द्वारा लगातार प्रताड़ना और मानसिक दबाव बनाया जा रहा है, जिसकी वजह से पारिवारिक विवाद उत्पन्न हुआ है।

शिक्षिका के भाई जगदीश मौर्य ने भी बयान में कॉलेज प्रबंधन का समर्थन करते हुए लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया।

इस मामले में क्षेत्राधिकारी फूलपुर किरण पाल सिंह ने कहा, “अब तक की पूछताछ और कॉलेज परिसर के निरीक्षण में धर्मांतरण जैसी कोई आपराधिक गतिविधि सामने नहीं आई है। हम अन्य बिंदुओं पर भी गंभीरता से जांच कर रहे हैं और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

इस घटनाक्रम में फिलहाल कोई स्पष्ट प्रमाण सामने न आने से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह मामला आपसी पारिवारिक विवाद और मतभेद का परिणाम हो सकता है, जिसे कॉलेज और शिक्षकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए तूल दिया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button