देवरिया:शिवजी की पूजा में हल्दी,तुलसी पत्र,शंख और केतकी का फूल सदैव है वर्जित – आचार्य अजय शुक्ल कटे फ़टे बेलपत्र न करें भोलेनाथ को अर्पित ।
Deoria news :Turmeric, Tulsi leaves, conch and Ketaki flower are always prohibited in the worship of Lord Shiva - Acharya Ajay Shukla
देवरिया।सलेमपुर, देवरिया। सनातन धर्म व संस्कृति के अनुसार बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना सुमिरन आप कभी भी कर सकते हैं लेकिन सावन के पावन महीने में शिवपूजन विशेष शुभ और फलदायक होता है। उक्त बातें नगर के सलाहाबाद वार्ड में भक्तों को शिव कथा का रसपान कराते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा। उन्होंने कहा कि प्रदोष काल में भगवान शिव का रुद्राभिषेक ,पूजन और उनके मन्त्र जाप का अक्षय पुण्यफल प्राप्त होता है। बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना में भूलकर भी हल्दी,तुलसी पत्र,शंख, चंपा फूल व केतकी के फूल का प्रयोग नही करना चाहिए ।इनके प्रयोग करने मात्र से ही मनुष्य का अहित हो सकता है। इनके पूजन में कटे फ़टे हुए बेलपत्र का प्रयोग नही करना चाहिए।बेल पत्र व शमी पत्र को उल्टा चढ़ावे तथा उसके पीछे का भाग जिसे वज्र कहते हैं उसकी डंठल को निकालकर ही शिवजी को अर्पित करें।शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल,दूध,दही,शहद,घी, और चीनी से कर सकते हैं।भगवान शिव को सात्विक चीज जैसे फल,मिष्टान्न, आदि का भोग लगावें ।भगवान शिव सभी देवताओं में सबसे शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं लेकिन पूजा पवित्र व सच्चे मन से होनी चाहिए।हर मनुष्य को सावन के महीने में अपने सामर्थ्य के अनुसार बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करना चाहिए।अगर द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर जलाभिषेक करने का सौभाग्य मिले तो वह सबसे ज्यादा फल दायी होता है।