Azamgarh news:श्री विजयादशमी उत्सव पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भव्य पथ संचलन कार्यक्रम संपन्न
A feast was organised at the Fulwaria Maharani Durga Pandal, where devotees prayed to Goddess Durga for the fulfillment of their wishes.
आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय
आजमगढ़ जनपद के शहाबुद्दीनपुर बिलरियागंज स्थित संगमरमर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) द्वारा श्री विजयादशमी उत्सव के पावन अवसर पर एक भव्य एवं अनुशासित पथको संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रभक्ति, संगठन शक्ति एवं भारतीय सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन गया।कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार की सुबह संगम मैरिज हॉल, शहाबुद्दीनपुर, बिलरियागंज से विधिवत रूप से हुआ। प्रारंभ में स्वयंसेवकों द्वारा शस्त्र पूजन किया गया, जिसमें संघ की परंपरा के अनुसार दंड (लाठी) एवं प्रतीकात्मक शस्त्रों की पूजा अर्चना की गई। इसके उपरांत संघ गीत गाया गया और भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पथ संचलन प्रारंभ हुआ।संचलन दल ने संगम मैरिज हॉल से प्रस्थान कर कासिमगंज, चौक बिलरियागंज, सपना सिनेमा रोड होते हुए पुनः संगम मैरिज हॉल पहुंचकर कार्यक्रम का समापन किया। पूरे मार्ग पर स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया।नागरिकों और युवाओं में कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह देखा गया। कई स्थानों पर महिलाओं और बच्चों ने भी हाथ जोड़कर स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया।स्वयंसेवकों का अनुशासन और संगठन भावना
कार्यक्रम में सैकड़ों स्वयंसेवक गणवेश (खाकी पैंट, सफेद शर्ट और काली टोपी) में सुसज्जित होकर पूर्ण अनुशासन के साथ संचलन में सम्मिलित हुए। उनके कदमों की एकरूपता और घोष वंदनाओं से पूरा वातावरण देशभक्ति की भावना से भर गया।संचलन के दौरान स्वयंसेवकों ने “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्” और “जय श्रीराम” के घोषों से नगर को गुंजायमान कर दिया।संगम मैरिज हॉल में समापन अवसर पर आयोजित सभा में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों और नागरिकों को संबोधित किया। उन्होंने संघ की कार्यप्रणाली, उसके उद्देश्य और राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका पर विस्तृत प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि
“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहा है। प्रत्येक स्वयंसेवक समाज में नैतिकता, अनुशासन, सेवा और समर्पण की भावना लेकर कार्य करता है।”
पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि संघ का उद्देश्य केवल शाखा संचाल नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक संगठन की सकारात्मक सोच और सेवा कार्यों को पहुँचाना है।
उन्होंने विजयादशमी के ऐतिहासिक महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि यह पर्व असत्य पर सत्य और अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है, और यही भाव संघ के कार्य का मूल आधार है।सांस्कृतिक महत्व और समाज में संदेश
विजयादशमी उत्सव को संघ अपने स्थापना दिवस के रूप में भी मनाता है। वर्ष 1925 में डॉ. हेडगेवार द्वारा स्थापित संघ ने इस दिन को संगठन के पुनर्जागरण का प्रतीक बनाया। इसी परंपरा के तहत प्रत्येक वर्ष संघ शाखाओं में पथ संचलन का आयोजन किया जाता है, ताकि समाज में अनुशासन, एकता और संगठन के महत्व का संदेश फैलाया जा सके।
जनसहभागिता और माहौल
कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में नागरिक, व्यापारी, विद्यार्थी, महिलाएँ और बच्चे संचलन मार्ग के दोनों ओर खड़े होकर स्वयंसेवकों का अभिवादन कर रहे थे। कुछ स्थानों पर समाजसेवी संस्थाओं ने जल वितरण और स्वागत मंच भी लगाए थे।
संपूर्ण नगर में एकता, उत्साह और देशभक्ति का अद्भुत वातावरण रहा।
अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। संचलन में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों को वरिष्ठ अधिकारियों ने धन्यवाद ज्ञापित किया और समाजहित के कार्यों में निरंतर सक्रिय रहने का आह्वान किया। श्री विजयादशमी उत्सव का यह कार्यक्रम संघ के अनुशासन, संगठन शक्ति और राष्ट्रप्रेम की जीवंत झलक प्रस्तुत करता है। इस अवसर पर संघ के स्वयंसेवकों ने यह संदेश दिया कि
“हम सब मिलकर एक सशक्त, संगठित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें।”
इस मौके पर बिलरियागंज थाना अध्यक्ष सुनील दुबे द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पूरे थाने की फोर्स लगाई गई थी।