देवरिया:रामचरितमानस की चौपाइयों में ऐसी क्षमता है कि मनुष्य के बड़े से बड़े संकट क्षण भर में हो होता है दूर
Deoria news:The verses of Ramcharitmanas have such power that even the biggest problems of a person are removed in a moment

देवरिया।स्थानीय भलुअनी कस्बा स्थित भगवती पैलेस में चल रहे श्री राम कथा के दूसरे दिन कथा का रसपान कराते हुए श्री कृष्ण धीरज शास्त्री मैं कहा कि तुलसी दास जी ने जब राम चरित मानस की रचना की,तब उनसे किसी ने पूंछा कि बाबा! आप ने इसका नाम रामायण क्यों नहीं रखा? क्योकि इसका नाम रामायण ही है.बस आगे पीछे नाम लगा देते है, वाल्मीकि रामायण, आध्यात्म रामायण.आपने राम चरित मानस ही क्यों नाम रखा?बाबा ने कहा – क्योकि रामायण और राम चरित मानस में एक बहुत बड़ा अंतर है.रामायण का अर्थ है राम का मंदिर, राम का घर,जब हम मंदिर जाते है तोएक समय पर जाना होता है, मंदिर जाने के लिए नहाना पडता है,जब मंदिर जाते है तो खाली हाथ नहीं जाते कुछ फूल,फल साथ लेकर जाना होता है.मंदिर जाने कि शर्त होती है,मंदिर साफ सुथरा होकर जाया जाता है.
और मानस अर्थात सरोवर, सरोवर में ऐसी कोई शर्त नहीं होती,समय की पाबंधी नहीं होती,जाती का भेद नहीं होता कि केवल हिंदू ही सरोवर में स्नान कर सकता है,कोई भी हो ,कैसा भी हो? और व्यक्ति जब मैला होता है, गन्दा होता है तभी सरोवर में स्नान करने जाता है.माँ की गोद में कभी भी कैसे भी बैठा जा सकता है.रामचरितमानस की चौपाइयों में ऐसी क्षमता है कि इन चौपाइयों के जप से ही मनुष्य बड़े-से-बड़े संकट में भी मुक्त हो जाता है।इन मंत्रो का जीवन में प्रयोग अवश्य करे प्रभु श्रीराम आप के जीवन को सुखमय बना देगे। कथा के दौरान मुरली मनोहर जायसवाल ,राहुल मद्धेशिया ,सुनील जायसवाल ,अरुण कुमार मिश्रा, विनोद सिंह गुड्डू ,मनोज कुमार मद्धेशिया ,मुकेश यादव, हरकेश यादव ,पवन पाठक, पवन सिंह, दुर्गेश कांदू, संजय वर्मा, रामप्रवेश गुप्ता ,मोनू वर्मा, सुधाकर पांडे ,विनोद मद्धेशिया, डॉक्टर योगेश गुप्ता, सहित अन्य श्रद्धालु जन काफी संख्या में उपस्थित रहे।