Deoria news:शिक्षा जगत के मालवीय राज नारायण पाठक की जयंती पर विशेष
Deoria:Special on the birth anniversary of late Shri Raj Narayan Pathak
बरहज/देवरिया:शिक्षा जगत के मालवीय स्वर्गीय श्री राज नारायण पाठक का जन्म बलिया जनपद के भरथाव गांव में हुआ था जन्म से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी रहे शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर, चंदाडीह के महाराज जी के साथ सन 1950 में बरहज आए।कौन जानता था की बरहज के ही होकर रह जाएंगे अनंत पीठ आश्रम बरहज के संतों का आशीर्वाद पाठक जी को मिला और वह यहीं के होकर रह गए आश्रम के तृतीय पीठाधीश्वर श्री सत्यव्रत जी महाराज के कृपा पात्र रहे महाराज जी ने श्री कृष्णा इंटर कॉलेज आश्रम बरहज में शिक्षक के रूप में पाठक जी को नियुक्त किया , कुछ वर्षों बाद एनसीसी ऑफिसर्स बनाए गए और आगे चलकर श्री कृष्णा इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के रूप में कार्य करते हुए संतों की प्रेरणा से मन में डिग्री कॉलेज खोलने का भाव उत्पन्न हुआ जिसमें आश्रम के पीठाधीश्वर राजा रामशरण जी महाराज की अनुमति मिलते ही पाठक जी सक्रिय हो उठे। और विषम परिस्थितियों का धैर्य पूर्वक सामना करते हुए अंततः 1970 में उन्होंने डिग्री कॉलेज खोलकर शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाया धीरे-धीरे पाठक जी के कदम आगे बढ़ते चले गए और संतों की कृपा बनी रही जिसके फलस्वरूप बाबा राघव दास भगवान दास महिला महाविद्यालय की स्थापना कर विद्यालय को सुचार रूप से चलने के लिए इसका प्रबंध किया आश्रम की सभी शिक्षण संस्थाओं की की देखरेख और डिग्री कॉलेज को पीजी कॉलेज बनाने के लिए विभिन्न विषयों में मान्यताओं को लाने का काम पाठक जी ने किया पाठक जी की देन है कि आज सात विषयों में एम ए के साथ ही एम काम की कक्षाएं संचालित हो रही है यह सब उनके इच्छा शक्ति और त्याग का फल है संस्थाओं के हित के लिए उन्होंने अपने परिवार अपने बेटे बेटियों की चिंता नहीं करते थे उन्हें बस एक ही चिंता रहती थी शिक्षा के क्षेत्र में आश्रम का नाम हो आश्रम से लेकर सभी शिक्षण संस्थाएं सतत विकासशील हो जिसके लिए जीवन के अंतिम क्षण तक पाठक जी ने प्रयास किया ऐसे महामानव कर्मयोगी शिक्षा जगत के मालवीय की जयंती आश्रम परिवार समस्त शिक्षण संस्थानों की तरफ से पर शत-शत नमन।