Jaunpur news:“वरिष्ठ पत्रकार के गले पर पुलिस का शिकंजा,कलम की आवाज़ दबाने की कोशिश”
जौनपुर।थाना सुरेरी क्षेत्र के ग्राम सभा अड़ियार में बीते रविवार को जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में तनाव की स्थिति बन गई। विवाद की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन विवाद सुलझाने के बजाय पुलिस की कथित दबंगई सामने आई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस बल ने बलपूर्वक कार्रवाई करते हुए महिला सुशीला देवी पत्नी शेर बहादुर को पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा लाठियों से पीटा।इस घटना से आक्रोशित होकर करीब 200 ग्रामीणों ने करौदी सुरेरी मार्ग को चारपाई और बांस-बल्ली लगाकर चक्का जाम कर दिया। बताया जा रहा है
कि जब पुलिस जाम हटाने पहुँची तो ग्रामीण महिला गीता देवी को घसीटकर वैन में बैठाने की कोशिश की गई, जिससे लोगों का आक्रोश और बढ़ गया।इसी दौरान घटना स्थल पर कवरेज के लिए पहुंचे जौनपुर के वरिष्ठ पत्रकार बरसाती लाल कश्यप (राष्ट्रीय न्यूज़ सर्विस) के साथ पुलिस द्वारा अभद्रता की गई। ग्रामीणों ने बताया कि कवरेज करते समय पुलिस ने उनका गला पकड़ लिया। उल्लेखनीय है कि पत्रकार बरसाती लाल कश्यप का हाल ही में लखनऊ मेट्रो सिटी अस्पताल में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पहल पर गले का ऑपरेशन हुआ था और अभी उनके गले में कैंसर की समस्या के कारण सूजन व दर्द बना हुआ है। इसके बावजूद पुलिसकर्मियों ने माइक आईडी देखते हुए भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया और गला दबा दिया।पत्रकार ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा, “अगर मेरे साथ किसी प्रकार की अनहोनी होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी। हमारा काम केवल समाचार कवरेज करना है, लेकिन पुलिस ने दबंगई दिखाकर हमारी जान को खतरे में डाल दिया।”,ग्रामीणों ने भी वरिष्ठ पत्रकार के साथ हुए दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की और चेतावनी दी कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।इस पूरे प्रकरण ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं बल्कि पत्रकार सुरक्षा को लेकर भी गंभीर बहस छेड़ दी है।