Azamgarh news:मानस कथा प्रवचन सुन भक्त हुए सराबोर,प्रवचन के दूसरे दिन भगवान राम माता सीता व श्री कृष्ण के लीलाओ का हुआ आयोजन

Azamgarh:Devotees were enthralled to hear the Manas Katha discourse, on the second day of the discourse, the plays of Lord Rama, Mother Sita and Shri Krishna were organized

तहसील संवाददाता सत्येन्द्र सिंह

लालगंज/आजमगढ़:देवगांव बाजार स्थित मथुरापुर देवगांव में आयोजित सात दिवसीय मानस कथा तथा श्रीमद् भागवत प्रवचन कार्यक्रम के दूसरे दिन कथा वाचक ब्यास शिवदत्त शास्त्री ने कहा की प्रिय भक्तजनो, आज का यह प्रवचन उन दो महान अवतारों के पावन जीवन को समर्पित है, जिन्होंने इस धरती को अपने चरणों से पवित्र किया ।मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, जनकनंदिनी माता सीता, और लीलाधर योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण अपने अपने लीलाओ व समर्पण त्याग के लिए जाने जाते है ।भगवान राम कोई साधारण राजा नहीं थे। वे धर्म, सत्य और मर्यादा के मूर्त स्वरूप थे।जब उन्हें 14 वर्षों का वनवास मिला, तो उन्होंने बिना कोई विरोध किए अपने पिता की आज्ञा का पालन किया।राम का चरित्र हमें सिखाता है कि जीवन में कितना भी बड़ा त्याग क्यों न करना पड़े,धर्म का मार्ग कभी नहीं छोड़ना चाहिए।उन्होंने रावण जैसे अहंकारी राक्षस का वध कर यह सन्देश दिया कि अधर्म चाहे जितना भी शक्तिशाली हो, अंत में धर्म की विजय होती है।माता सीता तप, सहनशीलता और शुद्धता की प्रतीक मानी जाती है
माता सीता केवल श्रीराम की पत्नी ही नहीं, बल्कि वे आदर्श नारीत्व की जीती- जागती मिसाल हैं।वनवास में उन्होंने पति धर्म का पालन किया।लंका में अशोक वाटिका में उन्होंने अपनी मर्यादा और आत्मबल से रावण को झुका दिया।अग्नि परीक्षा, वनगमन उन्होंने हर परिस्थिति में शक्ति, धैर्य और आत्म-संयम का परिचय दिया।माता सीता हमें सिखाती हैं कि जीवन की कठिनाइयाँ चाहे जैसी हों, यदि अंतःकरण शुद्ध हो, तो कोई भी शक्ति उसे हिला नहीं सकती।भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएँ तो अनंत हैं वे बालक़ अवस्था से लेकर महाभारत तक सत्य का ही साथ दिया।इससे पूर्व विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष उमेश सिंह उर्फ जयशंकर,मनोज सिंह आदि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया ।आयोजक काली प्रसाद तिवारी ने आभार प्रकट किया इस अवसर पर गोपाल चौरसिया,अमित चौरसिया,विद्युत प्रकाश चौरसिया,कल्पनाथ गुप्ता, अजय जायसवाल,रत्नेश मोदनवाल सहित आदि लोग उपस्थित रहे।

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