Azamgarh news:मोबाइल पर गेम न खेलने देने से नाराज किशोर ने फांसी लगाकर दी जान
मोबाइल की लत बनी मौत का कारण, किशोर ने की आत्महत्या
मोबाइल की लत ने छीनी मासूम की जान, परिजनों में कोहराम
आजमगढ़। जनपद के फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के नियाउज गांव में मंगलवार को मोबाइल पर गेम खेलने के लिए फोन न मिलने से नाराज 13 वर्षीय किशोर आदर्श उर्फ रवीश ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया और मोबाइल की लत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नियाउज गांव निवासी आदर्श उर्फ रवीश पुत्र पुरन चंद उर्फ भोभन बार-बार मोबाइल मांग रहा था। उसकी मां विद्या देवी मोबाइल लेकर खेत पर चली गई थीं। घर लौटने पर उन्होंने बेटे को फांसी पर लटका पाया। रोते-बिलखते विद्या देवी ने कहा, “काश, मैं उसे मोबाइल दे देती, तो शायद यह नौबत न आती।” आदर्श तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटा था। उसकी मौत से परिवार में कोहराम मच गया है।
सूचना पाकर फूलपुर कोतवाल सच्चिदानंद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरूकता संदेश
यह घटना सिर्फ एक परिवार का दुख नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। मोबाइल और ऑनलाइन गेम्स की लत बच्चों की मानसिक सेहत पर गहरा असर डाल रही है।
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के मोबाइल उपयोग पर नियंत्रण रखें।
पढ़ाई, खेलकूद और पारिवारिक गतिविधियों में बच्चों को व्यस्त रखें।
बच्चों के साथ संवाद बढ़ाएं और उनकी भावनाओं को समझें।जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग और परामर्श लें।जमगढ़ की यह घटना इस बात की सीख है कि लापरवाही से मोबाइल बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है।