आजमगढ़ के चर्चित शिब्ली कॉलेज के छात्र नेता अजीत राय हत्याकांड में सभी आरोपियों को अर्थ दंड के साथ आजीवन कारावास की हुई सजा

Azamgarh,All the accused in the murder case of student leader Ajit Rai of the famous Shibli College of Azamgarh were sentenced to life imprisonment with fine

आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय

आज़मगढ़ जनपद के शिब्ली कॉलेज का बहुचर्चित अजीत राय हत्याकांड 9 सितंबर 2004 को हुआ था।आज पूरे 21 वर्ष के बाद 6 दोषियों को न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास तथा तथा अर्थ दंड की सजा सुनाई गई। पूर्व में दो अभियुक्तों को नाबालिग होने के नाते जुवेनाइल कोर्ट के हवाले किया गया था।2004 में छात्रसंघ चुनाव की रंजिश को लेकर अजीत राय को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस हत्याकांड में अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक अजय कुमार शाही की अदालत ने मंगलवार को छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर 45-45 हज़ार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। कोर्ट ने आदेश दिया कि अर्थदंड की आधी रकम मृतक अजीत राय के परिजनों को दी जाएगी।अभियोजन पक्ष के अनुसार अजीत राय निवासी ग्राम टुन्डवल थाना निजामाबाद शिब्ली नेशनल पीजी कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र था। वर्ष 2004 में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में वह महामंत्री पद के संभावित उम्मीदवार थे। चुनावी प्रतिद्वंद्विता के चलते 9 सितंबर 2004 की सुबह करीब 11 बजे शिब्ली इंटर कॉलेज के मुख्य द्वार पर मोहम्मद दानिश पुत्र मुमताज अहमद निवासी नई बस्ती, शाह समर यासीन पुत्र नसीम निवासी पहाड़पुर, मोहम्मद शारिक, मोहम्मद सादिक पुत्रगण मोहम्मद साबिर, इरफानवल पुत्र लल्लन निवासी निराला नगर, सादिक खान पुत्र वकील गफ्फार निवासी ग्राम टोला और रिंकू जकारिया निवासी बदरका लाठी-डंडों से अजीत राय पर हमला करने लगे। रिंकू जकारिया के उकसाने पर मोहम्मद दानिश ने कट्टे से अजीत पर गोली चला दी। इसके बाद सभी आरोपियों ने एक कार से घटनास्थल से फरार हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस और अजीत के दोस्तों ने घायल अजीत को अस्पताल ले गए जहां उसकी मृत्यु हो गई। अजीत के चाचा देवेंद्र राय द्वारा शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में विद्यालय के प्रिंसिपल मोहम्मद इफ्तखार खान और भौतिकी विभाग के प्रमुख मोहम्मद जकारिया को भी साजिश का हिस्सा बताया। दिनदहाड़े हुई इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पुलिस ने जांच के बाद आठ आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता गोपाल पांडेय और सीबीसीआईडी के अधिवक्ता ने कुल 16 गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी मोहम्मद दानिश पुत्र मुमताज, शाह समर यासीन पुत्र नसीम, मोहम्मद शारिक, सादिक खान उर्फ राशीद और रिंकू जकारिया को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 45-45 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। उपरोक्त हत्याकांड को लेकर उस समय के तत्कालीन गोरखपुर के सांसद माननीय योगी आदित्यनाथ भी आजमगढ़ आ रहे थे लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने शासन के दबाव में जनपद के बॉर्डर पर ही उनके काफिले को रोक दिया गया। इस मामले में शासन प्रशासन से क्रुद्ध होकर वह वापस चले गये। आज अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा होने से परिजनों में खुशी व्याप्त है।

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