Azamgarh news:स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के गांव में भी सुविधाएं नदारत समाजसेवी ने गांव को लिया गोद विकास का लिया संकल्प

Azamgarh:Even in the village of a freedom fighter, facilities are missing. A social worker has adopted the village and pledged to develop it.

माहुल (आजमगढ़)।अहरौला विकास खण्ड का हमीदपुर गांव स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामयश चौबे का गांव है लेकिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का गांव होते हुए भी यहां विकास अवरूद्ध है। अब इन्हीं बातों को लेकर युवा समाजसेवी राजकुमार उर्फ प्रधान ने बताया कि देश के लिए 1942 में रामयश चौबे ने भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका में रहे। पकड़े जाने पर तीन साल जेल में बंद रहे जुर्माना भी लगा 1989 में मौत हो गई लेकिन ऐसे त्यागी पुरूष के गांव को विकास से अछूता छोड़ दिया गया ऐसे गांव को गोद लेने का संकल्प राजकुमार उर्फ प्रधान ने लिया और शुरूआत परिजनों द्वारा स्वतंत्रता सेनानी की लगाई गई मूर्ति पर मर्करी लाईट लगाकर शुरुआत की गई एक दिन में गांव में 70 से ज्यादा मर्करी लाईट लाई गई 150 लाईटें लगानें का संकल्प है समाजसेवी राजकुमार उर्फ प्रधान ने बताया कि गांव में प्रधान द्वारा लगाई गई सभी लाईट लगाने के दो से चार माह बाद ही खराब हो गई पूरे गांव में अंधेरा था ग्रामीणों को समस्या हो रही थी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के घर तक जाने का रास्ता तक नहीं है बहुत ही कष्ट की बात है विकास का कोई योजना नहीं है। गांव के विकास व बेहतरी के लिए जो भी संभव होगा करते रहेंगे। गांव के पुनीत कुमार, अखिलेश चौबे, राजन चौबे, अरून यादव, सूरज,गुड्डू, विजय, रामसहाय, रमेश, चंद्रभान यादव, मनीष श्रीवास्तव, आदि ने राजकुमार उर्फ प्रधान के किये जा रहे कार्य गांव के विकास में मील का पत्थर बताया।।

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