Azamgarh news:नगर पंचायत में हंगामा, ईओ और आउटसोर्सिंग कर्मियों पर दबंगई का आरोप,सभी सभासद बैठे धरने पर
Uproar in Nagar Panchayat; EO and outsourcing workers accused of bullying; all councillors sit on strike
रिपोर्ट:चन्द्रेश यादव
अतरौलिया/ आजमगढ़ :आदर्श नगर पंचायत अतरौलिया में मंगलवार को बड़ा हंगामा देखने को मिला, जब 11 वार्डों के सभासद नगर पंचायत कार्यालय पर धरने पर बैठ गए। सभासदों ने ईओ (अधिशासी अधिकारी) और आउटसोर्सिंग कंप्यूटर कर्मी पर दबंगई, तानाशाही और मनमानी का गंभीर आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।सभासदों का आरोप है कि नगर में विकास कार्य ठप पड़े हैं। न तो नाली-खरंजे का निर्माण हुआ और न ही अन्य जनसुविधाओं पर कोई काम हुआ। वार्ड-वार समस्याओं को उठाने पर भी ईओ और कर्मचारी कोई सुनवाई नहीं करते। सभासदों का कहना है कि चेयरमैन की मौजूदगी में भी ईओ साफ कह देते हैं कि जनसमस्याओं को लेकर उनसे फोन पर बात न करें। यही नहीं, सभासदों का आरोप है कि जनसमस्याओं पर चर्चा के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप से भी उन्हें बाहर कर दिया गया, जिससे उनमें भारी आक्रोश है।
हिमांशु विनायकर, सभासद रिंकू, मोहम्मद सुल्तान, विष्णु कुमार, सुमन आदि ने आरोप लगाया कि ईओ और आउटसोर्सिंग कर्मचारी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर मनमानी कर रहे हैं। आरोप यह भी लगाया कि आउटसोर्सिंग कर्मचारी सूरज सिंह ने नगर पंचायत द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप से सभी सभासद को बिना कारण के ही निकाल दिया जो उनकी तानाशाही को दर्शाता है। मोहम्मद सुल्तान ने तो यहां तक कहा कि “मैं 20 वर्षों से लगातार सभासद हूं, लेकिन इन 20 वर्षों में नगर पंचायत में कोई भी ठोस विकास कार्य नहीं हुआ, नाले और खरंजे का एक भी कार्य नहीं हुआ।”,सभासदों ने चेतावनी दी कि अगर आउटसोर्सिंग कर्मचारी पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो सभी सभासद सामूहिक इस्तीफा देंगे।वहीं, अधिशासी अधिकारी विजय शंकर अवस्थी ने सभासदों के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि जिस ग्रुप से सभासदों को निकाला गया, वह कोई ऑफिशियल ग्रुप नहीं है बल्कि वह निजी ग्रुप है, जिसमें शामिल करना या न करना ग्रुप एडमिन का निर्णय है।ईओ ने सफाई दी कि लालगंज और अतरौलिया—दो जगह का चार्ज होने के कारण वह व्यस्त रहते हैं, लेकिन समय-समय पर नगर पंचायत कार्यालय आते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “सभासद पति हिमांशु विनायकर जो की अतरौलिया व्यापार मंडल के अध्यक्ष हैं वह है चाहते हैं कि पत्नी की जगह वे बोर्ड मीटिंग में बैठें, बारातघर का उपयोग व्यापारियों के मीटिंग के लिए हो, नगर में पॉलीथिन पर छापेमारी न की जाए और नाले के निर्माण में उनके रिश्तेदारों को बचाया जाए। उनके सारे आरोप निराधार है, यह उनकी मनमानी है, जिसे मैं स्वीकार नहीं कर सकता।”