Azamgarh news:गांव की देवी का मान मुंबई से आकर निभा रहे पं. उमाकांत तिवारी

Pt. Umakant Tiwari has come from Mumbai to honour the village goddess.

प्रेम प्रकाश दुबे की रिपोर्ट

निजामाबाद (आजमगढ़)। क्षेत्र के रघुनाथपुर ग्रामसभा के मूल निवासी पं. उमाकांत तिवारी भले ही 1978 से मुंबई में रह रहे हों, लेकिन उनके मन में गांव के प्रति गहरी आस्था और लगाव है। यही वजह है कि उन्होंने अपने पूर्वजों की प्रेरणा से गांव में मंदिर निर्माण का संकल्प लिया और उसे पूरा भी किया।पं. उमाकांत तिवारी के पिता स्व. पं. रामसिंगार तिवारी मुंबई में रहते थे जबकि उनकी माता स्व. सिरताजी देवी गांव में ही निवास करती थीं। उनके पिता व माता अक्सर कहते थे कि गांव में कोई मंदिर नहीं है, बनना चाहिए। इसी बात से प्रेरित होकर तिवारी जी ने गांव में मंदिर निर्माण का निश्चय किया। इस संकल्प को मूर्त रूप देने में उस समय के ग्राम प्रधान राम आसरे यादव उर्फ़ नखडू यादव ने शुरुआत करवाई, जबकि मंदिर पूर्ण निर्माण पं. धीरेन्द्रनाथ त्रिपाठी के ग्राम प्रधान रहते हुए ग्रामीणों और क्षेत्रवासियों के सहयोग से संपन्न हुआ। 16 फरवरी 2018 को मंदिर की स्थापना हुई।पं. उमाकांत तिवारी का इस मंदिर से गहरा जुड़ाव है। वे हर साल नवरात्रि में मुंबई से परिवार सहित आते हैं और नौ दिन तक माता दुर्गा की पूजा-अर्चना कर कन्या पूजन व नवमी पर भंडारे का आयोजन करते हैं। इस भंडारे में सैकड़ों ग्रामीण श्रद्धाभाव से प्रसाद ग्रहण करते हैं। तिवारी जी का कहना है कि “हम जो भी काम शुरू करते हैं, माता रानी उसे सफल बनाती हैं, इसलिए यह मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है।”
पहले मंदिर पर एक पुजारी नियुक्त था, जिसका खर्चा तिवारी जी उठाते थे। लेकिन दो बार चोरी की घटना और ग्रामीणों के विरोध के चलते पुजारी को हटा दिया गया। वर्तमान में मंदिर की पूजा-अर्चना की जिम्मेदारी उनके चचेरे भाई प्रमोद तिवारी निभा रहे हैं।मंदिर की चारदीवारी, गेट, रेलिंग, इनवर्टर, लाइट, रंगाई-पुताई आदि सभी कार्य पं. उमाकांत तिवारी द्वारा कराए गए हैं। मुंबई में रहते हुए भी वे अपने गांव की आस्था को निभा रहे हैं और हर नवरात्रि अपने गांव से जुड़ाव को जीवित रखते हैं।

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