भिवंडी के वारालदेवी तालाब में फैला हरा कचरा और दुर्गंध, स्थानीय नागरिक परेशान

Green waste and foul smell spread in Varaldevi pond of Bhiwandi, local citizens troubled

हिंद एकता टाइम्स भिवंडी

रवि तिवारी

भिवंडी -भिवंडी शहर का खूब सूरत ऐतिहासिक तालाब जो भिवंडी शहर के एक तिहाई भागों में शुध्द पेय जल उपलब्ध कराता रहा है। आज उस प्रमुख तालाब की सुदरता और स्वक्षता पर गम्भीर सवालिया निशान खडा़ हो गया है? उस तालाब के पानी में हरे रंग के काई (शैवाल) की मोटी परत जम गई है। जिससे तालाब के किनारे लगभग ५० से १०० फुट तक दुर्गंध फैल गई है।इस समस्या के कारण स्थानीय निवासियों और तालाब के पास जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कामतघर ग्रामवासियों की ओर से इस समस्या को लेकर कई बार पालिका प्रशासन को शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला। इससे नाराज ग्रामवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि १५ दिनों के भीतर तालाब की सफाई और पानी की शुद्धीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, तो वे इस तालाब का प्रबंधन अपने हाथ में ले लेंगे। यह चेतावनी पूर्वउपमहापौर मनोज काटेकर ने दी है।धार्मिक उत्सव के समय तालाब में मुर्तियों का विसर्जन और धार्मिक पूजा पाठ का अवशेष प्रवाहित करना प्रदूषण का सबसे बडा़ कारण* तालाब में प्रदूषण का सबसे बडा़ कारण धार्मिक मुर्तियों का विसर्जन के साथ साथ घरों में पूजन सामग्रियों का प्रवाहित करना इसके अलावां फेणे पाड़ा,फेणेगांव, शिवाजी नगर और मानसरोवर जैसे क्षेत्रों का गंदा पानी भी इस तालाब में छोड़ा जा रहा है। जिससे यह गंभीर समस्या और भी जटिल होती जा रही है। वैसे भिवंडी मनपा व्दारा मुर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तलाब का निर्माण तालाव के तीन ओर बनाया है। परन्तु कृत्रिम तालाब की सुरक्षा दीवार टूट जाने से पूरा कचरा तालाब के पिनी को और भी प्रदूषित करता है।तालाब का पानी रोजाना ५ एमएलटी (मिलियन लीटर प्रति दिन) मात्रा में शहर के पुराने क्षेत्रों में पेयजल के रूप में आपूर्ति किया जाता है। हालांकि, पानी की शुद्धता को लेकर पालिका की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिससे नागरिकों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है।भिवंडी पालिका आयुक्त अजय वैद्य ने बताया कि तालाब की सफाई और जल शुद्धीकरण के लिए विशेषज्ञों की मदद से योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भविष्य में गणेश और दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने वाराल तालाब के स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के लिए ५४ करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है। आयुक्त ने विश्वास दिलाया कि जल्द शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के बाद तालाब और इसके आसपास के क्षेत्र का पूरी तरह से कायापलट होगा। ग्रामवासियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द तालाब की सफाई और सुधार कार्य शुरू करने की अपील की है। ताकि तालाब का धार्मिक, पर्यावरणीय और नागरिक महत्व बरकरार रखा जा सके।

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