आजमगढ़ जेल से 35 लाख का घोटाला! रिहा कैदी ने अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से उड़ाए पैसे
Azamgarh jail scam: Released prisoner siphoned off money using forged superintendent's signature
आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय
आजमगढ़ जनपद के जिला कारागार से एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें जेल से रिहा हुआ कैदी रामजीत यादव ने सरकारी खाते से 35 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी कर ली। इस पूरे मामले में न केवल जेल प्रशासन बल्कि बैंक सिस्टम की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।मामला तब सामने आया जब जेल अधीक्षक आदित्य कुमार सिंह ने जेल के सरकारी खाते का बैंक स्टेटमेंट निकलवाया, जिसमें कई संदिग्ध ट्रांजेक्शन सामने आए। जांच में पता चला कि रिहा कैदी रामजीत यादव उर्फ संजय ने खुद को जेल का ठेकेदार बताकर अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक से पैसे निकालता रहा।जांच में सामने आया कि रामजीत यादव ने अपनी पत्नी नीतू यादव के खाते में 2.40 लाख रुपए, मां सुदामी देवी के खाते में लगभग 3 लाख रुपए, और अपने व्यक्तिगत खाते में करीब 30 लाख रुपए ट्रांसफर किए।सूत्रों के अनुसार, इस पूरे खेल में बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है।आजमगढ़ जेल का सरकारी खाता जेल अधीक्षक आदित्य कुमार सिंह के नाम से संचालित होता है। इसी खाते में सरकार द्वारा भेजा गया पैसा जमा होता है और जेल में काम करने वाले कैदियों को भुगतान भी इसी खाते से किया जाता है।कभी-कभी कैदी अपने परिजनों को चेक के माध्यम से भुगतान कर देते हैं, और अकाउंटेंट इस प्रक्रिया में कैदियों की मदद भी ले लेते हैं। इसी सिस्टम का फायदा उठाते हुए रामजीत यादव ने पूरा घोटाला अंजाम दिया।जानकारी के अनुसार, रामजीत यादव को जेल के अंदर रहते हुए कामकाज की जिम्मेदारी मिली हुई थी। इस दौरान उसने बैंक चेक और हस्ताक्षर की प्रक्रिया को बारीकी से समझ लिया।20 मई 2024 को जमानत पर रिहा होने के बाद उसने जेल अकाउंटेंट के कमरे से केनरा बैंक की चेकबुक चुरा ली और अगले ही दिन 21 मई को 10 हजार रुपए निकाल लिए।22 मई को 50 हजार रुपए, कुछ दिन बाद 1.40 लाख रुपए निकाले।लगातार 18 महीनों तक वह खाते से पैसे निकालता रहा, लेकिन जेल प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।22 सितंबर 2025 को खाते से 2.60 लाख रुपए की निकासी होने के बाद जब स्टेटमेंट जांचा गया तो मामला उजागर हुआ। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि रिहा कैदी रामजीत यादव फर्जी हस्ताक्षर कर जेल अधीक्षक के नाम से पैसे निकाल रहा था।मामले के खुलासे के बाद जेल अधीक्षक ने कोतवाली आजमगढ़ में चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया।मुकदमे में मुख्य आरोपी रामजीत यादव उर्फ संजय, पूर्व कैदी शिवशंकर उर्फ गोरख, वरिष्ठ सहायक मुशीर अहमद, और चौकीदार अवधेश कुमार पांडेय के नाम शामिल हैं।पुलिस ने धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रामजीत यादव जमुआ शाहगढ़ थाना क्षेत्र के बिलरियागंज का रहने वाला है। वर्ष 2011 में उसने अपनी पत्नी अनीता की हत्या के मामले में जेल की हवा खाई थी।2017 में उसे जमानत मिल गई, जिसके बाद उसने नीतू नाम की महिला से दूसरी शादी की थी। 24 फरवरी 2023 को कोर्ट ने उसे पत्नी की हत्या का दोषी ठहराया और सजा सुनाई, जिसके बाद वह दोबारा जेल गया।घटना की जानकारी मिलते ही लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारियों ने आजमगढ़ जेल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई। अधिकारियों ने पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं।