Azamgarh news:महिला सशक्तिकरण की मिसाल, आज़मगढ़ की बेटी प्रिया उपाध्याय ने लंदन में चमकाया देश का नाम

An example of women empowerment, Azamgarh's daughter Priya Upadhyay brought glory to the country in London.

आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय

Azamgarh news:

जनपद आज़मगढ़ की प्रतिभाशाली बेटी प्रिया उपाध्याय (पुत्री श्री कृष्णकांत उपाध्याय, निवासी ग्राम उकरौड़ा, पोस्ट हाफिजपुर) ने अपने अद्भुत शोध कार्य से भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। प्रिया, जो वर्तमान में एनआईपीजीआर (NIPGR), जेएनयू नई दिल्ली में रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत हैं, ने लंदन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स (University of Leeds, London, UK) में आयोजित “International Conference on Smart Proteins” में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 21 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2025 तक आयोजित हुआ, जिसमें विश्वभर के प्रमुख वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रिया उपाध्याय ने अपने अभिनव शोध विषय

“Peanut Symbiotic Hemoglobin for Next Generation Plant-Based Proteins” पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने शोध के माध्यम से प्रिया ने यह सिद्ध किया कि मूंगफली (Peanut) जैसी सामान्य फसल से भी अत्यधिक पौष्टिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन तैयार किए जा सकते हैं, जो भविष्य में शाकाहारी भोजन का एक सशक्त एवं टिकाऊ विकल्प सिद्ध होंगे। यह शोध मानव स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। प्रिया उपाध्याय को इससे पहले 09 नवंबर 2024 को BRIC – National Institute of Immunology, JNU नई दिल्ली में उनके उत्कृष्ट वैज्ञानिक योगदान के लिए राष्ट्रीय सम्मान से नवाज़ा गया था। यह सम्मान भारत सरकार के नीति आयोग के पूर्व सीईओ श्री अमिताभ कांत सहित देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा प्रदान किया गया। उनके अनुसंधान कार्य की उत्कृष्टता को देखते हुए प्रिया को JRF (Junior Research Fellowship) के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर फंडिंग भी स्वीकृत की गई है। प्रिया ने अपने एक अन्य शोध कार्य “Evolution of Plant Globins” के लिए गोवा में आयोजित 13वीं अंतरराष्ट्रीय बायोटेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था, जहाँ उन्हें Best Poster Award से सम्मानित किया गया। इस उपलब्धि ने न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे जनपद आज़मगढ़ का गौरव बढ़ाया है। गौरव की बात यह है कि सामान्य परिवार से विश्व मंच तक का सफर प्रिया उपाध्याय एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता परिषदीय विद्यालय में अध्यापक हैं। साधारण परिवेश में पली-बढ़ी प्रिया ने कड़ी मेहनत, लगन और प्रतिभा के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अवसरों की कोई सीमा नहीं होती यदि नीयत, मेहनत और लगन हो तो गांव की बेटी भी लंदन के अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का झंडा बुलंद कर सकती है। प्रिया की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। परिवार, मित्र, शिक्षकों और ग्रामीणों ने प्रिया को बधाइयां और शुभकामनाएं दीं। हर किसी के चेहरे पर गर्व की चमक दिखाई दी। प्रिया उपाध्याय को हार्दिक बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं,उनकी यह सफलता आने वाली पीढ़ियों की बेटियों के लिए प्रेरणा बनेगी।

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