Mau News:लेखपालों द्वारा अधिवक्ताओं के प्रति अमर्यादितभाषा प्रयोग पर बार एसोसिएशन ने किया विरोध,डीम को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।

घोसी।मऊ। तहसील बार एसोसिएशन घोसी ने जिलाधिकारी मऊ के नाम एक ज्ञापन सौंपकर लेखपाल संघ के कुछ सदस्यों द्वारा अधिवक्ताओं के प्रति की गई अमर्यादित एवं असंसदीय टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। अधिवक्ता समुदाय ने इसे न्याय व्यवस्था और “ऑफिसर ऑफ द कोर्ट” के सम्मान पर सीधा आघात बताया हैगौर तलब है कि विगत दिनों रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित लेखपाल दिनेश चौहान के समर्थन में लेखपाल संघ ने तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन किया था।
धरने के दौरान लेखपाल संघ के पदाधिकारियों ने भाषणबाजी में प्रशासनिक अधिकारियों, वकीलों और पत्रकारों के विरुद्ध अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी की थी।
इसी घटना से अधिवक्ताओं में तीव्र आक्रोश फैल गया है, जिसे लेकर बार एसोसिएशन ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की माँग की है।
ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने कहा गया है कि धरने के दौरान कुछ लेखपालों ने अधिवक्ताओं को “चोर” और “भ्रष्टाचारी” कहकर अपमानित किया, जो पूरी तरह अनुचित और आपत्तिजनक है। अधिवक्ता संघ ने कहा कि इस प्रकार की भाषा न्यायिक गरिमा के विरुद्ध है और इससे अधिवक्ता समाज की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची है।
तहसील बार एसोसिएशन ने जिलाधिकारी मऊ से माँग की है कि दोषी लेखपालों की पहचान कर उनके विरुद्ध निष्पक्ष जांच कर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाई की जाए। संघ ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो अधिवक्ता समुदाय आन्दोलन करने को बाध्य होगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
अधिवक्ताओं ने कहा कि वे हमेशा सत्य और न्याय की रक्षा के लिए संघर्षरत रहे हैं। ऐसे में अधिवक्ताओं को बदनाम करने का प्रयास असहनीय है।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा — “सत्यमेव जयते” केवल एक नारा नहीं, बल्कि हमारी आस्था है। अधिवक्ताओं का अपमान, न्याय प्रणाली का अपमान है, और इसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
तहसील बार एसोसिएशन, घोसी के अध्यक्ष अनिल कुमार मिश्र एवं मंत्री श्री राजेश सोनकर ने कहा कि यदि शीघ्र प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो अधिवक्ता समुदाय सामूहिक आन्दोलन शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के सम्मान से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश राय, कालिकदत्त पाण्डेय, भुवेशश्रीवास्तव, जय हिंद सिंह, जनार्दन यादव, अखिलेश सिंह, बाबूलाल, कैलाश, ब्रह्मदेव, सतीश, बृजेश, जय प्रकाश, उमाशंकरउपाध्याय, नदीम, विपुल समेत बड़ी तादाद में अधिवक्ता मौजूद रहे।

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