Mau News:काव्यसंध्या पाठ में कवियों ने अपनी रचनाओं से दिया एकता का संदेश
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घोसी।मऊ। घोसी ब्लाक क्षेत्र के सिपाह इब्राहिमाबाद बाज़ार में बुधवार की देर शाम काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें शायरों व कवियों ने गीतों व रचनाओं से आपसी सौहार्द व भाईचारे का संदेश देकर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी।काव्य संध्या का शुभारंभ पूनम श्रीवास्तव की सरस्वती वन्दना व खैरुल बशर आज़मी की नाते पाक से हुआ।
इसके बाद सलमान घोसवी ने
*फासले सारे मिटा देने हैं दिल के*,
*होली और ईद मनाएंगे मिंया सब मिल के*!
*हिन्दू-मुस्लिम हैं सभी एक बराबर यारों*,,
*यही आदाब हैं सलमान मेरी महफ़िल के*!!
सुनाकर भाईचारे का संदेश दिया।
बनारस से आई कवयित्री पूनम श्रीवास्तव ने
*मानती हूँ कि सबकी चहेती हूँ मैं*,
*बांह में चांदनी को समेटी हूँ मैं*!
*लाज मेरी रखो ऐ ख़ुदा के नबी*,,
*दिल में काबा है काशी की बेटी हूँ मैं*!!
सुनाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया।
खैरुल बशर आज़मी ने
*जहां है प्यार का संगम मैं वह स्थान लिखूंगा*,
*श्रद्धा और अक़ीदत का मैं एक गुलदान लिखूंगा*!
*जहां पर आज भी सब हिन्दू-मुस्लिम सब भाई भाई हैं*,,
*उसी शहर-ए-मुहब्बत को मैं हिंदुस्तान लिखूंगा*!!
वही मिलन चौरसिया ने
*नशे में जब ग़ुरूर के मख़मूर हो गए*,
*तब आदमी ही आदमी से दूर हो गए*!
*झुकता था जो बशर न ख़ुदा के सिवा कहीं*,,
*बेटी का बाप होके मजबूर हो गए*!!
पेश कर महफ़िल में समां बांधा।
समाजसेवी श्रीनिवास जायसवाल की अध्यक्षता व वरिष्ठ पत्रकार शन्नू आज़मी के संचालन में चली इस काव्य संध्या में मृत्युंजय तिवारी, तारिक घोसवी, विपिन बिहारी पाठक, एनाउंसर ताज, शिवम दुबे ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
इस अवसर पर भाजपा क्षेत्रीय महामंत्री सुनील कुमार गुप्त, अरविंद कुमार पांडेय, अजय दुबे, वीरेंद्रनाथ पांडेय, नसीम अहमद, अमोघ दर्शन त्रिपाठी, मु० शाहिद, विजेंद्र पांडेय, डब्लू पंडित, सुदर्शन कुमार, प्रणव पांडेय, गजेन्द्र मोहन उपाध्याय, प्रीतम जायसवाल, राजेश यादव, मु० अमीन अंसारी, सुशील कुमार दुबे आदि पूरे समय बैठकर कवियों व शायरों का उत्साहवर्धन किया।
अंत में इस काव्य संध्या के संयोजक रेवतीरमण पांडेय ने कवियों व शायरों सहित सभी आगन्तुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
संवाददाता
घोसी।मऊ। घोसी ब्लाक क्षेत्र के सिपाह इब्राहिमाबाद बाज़ार में बुधवार की देर शाम काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें शायरों व कवियों ने गीतों व रचनाओं से आपसी सौहार्द व भाईचारे का संदेश देकर श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी।काव्य संध्या का शुभारंभ पूनम श्रीवास्तव की सरस्वती वन्दना व खैरुल बशर आज़मी की नाते पाक से हुआ।
इसके बाद सलमान घोसवी ने
*फासले सारे मिटा देने हैं दिल के*,
*होली और ईद मनाएंगे मिंया सब मिल के*!
*हिन्दू-मुस्लिम हैं सभी एक बराबर यारों*,,
*यही आदाब हैं सलमान मेरी महफ़िल के*!!
सुनाकर भाईचारे का संदेश दिया।
बनारस से आई कवयित्री पूनम श्रीवास्तव ने
*मानती हूँ कि सबकी चहेती हूँ मैं*,
*बांह में चांदनी को समेटी हूँ मैं*!
*लाज मेरी रखो ऐ ख़ुदा के नबी*,,
*दिल में काबा है काशी की बेटी हूँ मैं*!!
सुनाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया।
खैरुल बशर आज़मी ने
*जहां है प्यार का संगम मैं वह स्थान लिखूंगा*,
*श्रद्धा और अक़ीदत का मैं एक गुलदान लिखूंगा*!
*जहां पर आज भी सब हिन्दू-मुस्लिम सब भाई भाई हैं*,,
*उसी शहर-ए-मुहब्बत को मैं हिंदुस्तान लिखूंगा*!!
वही मिलन चौरसिया ने
*नशे में जब ग़ुरूर के मख़मूर हो गए*,
*तब आदमी ही आदमी से दूर हो गए*!
*झुकता था जो बशर न ख़ुदा के सिवा कहीं*,,
*बेटी का बाप होके मजबूर हो गए*!!
पेश कर महफ़िल में समां बांधा।
समाजसेवी श्रीनिवास जायसवाल की अध्यक्षता व वरिष्ठ पत्रकार शन्नू आज़मी के संचालन में चली इस काव्य संध्या में मृत्युंजय तिवारी, तारिक घोसवी, विपिन बिहारी पाठक, एनाउंसर ताज, शिवम दुबे ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
इस अवसर पर भाजपा क्षेत्रीय महामंत्री सुनील कुमार गुप्त, अरविंद कुमार पांडेय, अजय दुबे, वीरेंद्रनाथ पांडेय, नसीम अहमद, अमोघ दर्शन त्रिपाठी, मु० शाहिद, विजेंद्र पांडेय, डब्लू पंडित, सुदर्शन कुमार, प्रणव पांडेय, गजेन्द्र मोहन उपाध्याय, प्रीतम जायसवाल, राजेश यादव, मु० अमीन अंसारी, सुशील कुमार दुबे आदि पूरे समय बैठकर कवियों व शायरों का उत्साहवर्धन किया।
अंत में इस काव्य संध्या के संयोजक रेवतीरमण पांडेय ने कवियों व शायरों सहित सभी आगन्तुकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।



