Mau News:जन्मप्रमाणपत्र आवेदन की रिपोर्ट में संदिग्ध रिपोर्ट भेजने को लेकर एसडीएम ने बीडीओ एवं ईओ से मांगा स्पष्टीकरण

घोसी। मऊ। एसडीएम अशोककुमारसिंह ने जन्म प्रमाण पत्र आवेदन में गलत एवं संदिग्ध रिपोर्ट भेजने को लेकर बीडीओ घोसी एवं ईओ घोसी से स्पष्टीकरण मांगने के साथ गुमराह करने वाले अधिकारी, कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही का निर्देश दिया है।
घोसी एसडीएम अशोककुमारसिंह ने बीडीओ को पत्र लिखकर 14नवंबर 25 को भेजे गए अपने कार्यकाल पत्र का संज्ञान लेते हुए नाराजगी जाहिर करते हुए पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि आप के कार्यकाल द्वारा दिनांक 14नवंबर एवं 22नवम्बर को भेजे गए जन्म प्रमाण आवेदन की रिपोर्ट में एक दर्जन से अधिक जन्म प्रमाण आवेदन में एक ही माता पिता की पुत्र पुत्रियों के जन्म तिथि में 2से 7माह का ही अंतर है। जो की विश्वसनीय नहीं प्रतीत हो रहा है। आप के कार्यकाल के सम्बन्धित अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा भ्रामक सूचना रिपोर्ट लगा कर आप को प्रेषित की जारही है। आप के द्वारा भी बिना देखे ही अग्रसारित कर दिया जा रहा है। जोकि बड़ी गलती है। अतः आप इसको लेकर अपना स्पष्टीकरण देते हुए सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करते हुए मेरे कार्यकाल को अवगत कराए।
इसी तरह एसडीएम अशोककुमारसिंह ने अधिशासी अधिकारी घोसी को पत्र लिखकर कर निर्देशित किया है कि आप के कार्यकाल से प्राप्त जन्म प्रमाण पत्र आवेदन में करीमुद्दीनपुर निवासी आवेदक नसीम अली के प्रकरण में आप के द्वारा प्रेषित रिपोर्ट में आवेदक के कालम में नसीम अली तथा आवेदक के पिता के कालम में नसीम अहमद की रिपोर्ट भेजे हैं। दोनों नामों में अन्तर को आप द्वारा एक मान कर रिपोर्ट दिया गया है। यही नहीं इनके दोनों पुत्रों के जन्म में मात्र एक माह का अंतर है। जो की किसी भी स्थित न सही नहीं हो सकता। यह घोर लापरवाही है। यही नहीं न्यायालय को गुमराह किया गया है। आप को स्पष्टीकरण मांगने के साथ सचेत किया जा रहा है कि भविष्य में इस तरह की गलत रिपोर्ट न भेजे। इसके चलते दोनों कार्यालयों में हड़कम की स्थिति है। लोगों का कहना है कि यही हाल रहा तो इसका लाभ उठा कर रोहंगिया, बंगाल देशी लोग भी अपना जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त कर मतदाता सूची में नाम दर्ज करा लेंगे। एसडीएम अशोककुमारसिंह ने बताया कि मेरे द्वारा दोनों अधिकारीयों को पत्र भेज कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इधर कुछ सुधार हुआ है।

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