Mau news:तीनदिवसीय एग्रोक्लाइमेटिकजोन स्तरीय मेले का किया गया शुभारंभ। किसान जांच कर डाले उर्वरक
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मऊ। घोसी । कलेक्ट्रेटमऊ परिसर में सोमवार को तीन दिवसीय क्लाइमेटिक जोन स्तरीय किसान मेला व प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज कुमार राय ने फीता काट कर मेले का शुभारंभ किया व मेले में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान कृषि विभाग के लगे स्टालों पर पूरे दिन किसानों ने अवलोकन किया तथा विभिन्न प्रजातियों के बीज, खाद, फल व सब्जी के साथ-साथ कृषि यंत्रों की जानकारी अर्जित किया।
जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज कुमार राय ने कहा कि किसानों के लिए केंद्र व प्रदेश की सरकार समर्पित है। सरकार किसानों की सभी समस्याओं का निराकरण करने के साथ ही उन्हें अच्छी से अच्छी सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस तरह के मेले का आयोजन कर रही है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे मेले में अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर इसका लाभ उठाएं तथा अपनी कृषि से संबंधित समस्याओं का निराकरण करा कर अच्छी पैदावार लें। राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्म जीव ब्यूरो के प्रधान वैज्ञानिक डा. हर्षवर्धन सिंह ने कहा कि अधिक उर्वरक के प्रयोग से मिट्टी का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। हमें रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कम कर जैविक खादों का प्रयोग कर खेत का जिवाष्म बढ़ाना होगा अन्यथा हमारी मिट्टी लंबे समय तक हमें पैदावार नहीं दे पाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. विनय कुमार सिंह ने कहा कि मोंथा तुफान के चलते जिन किसानों के खेत में पानी भरा हुआ है वे खेल सूखने के पश्चात जीराेटिल से डीबीडब्ल्यू 316 बीज की सीधी बोआई कर लाभ पा सकते हैं या पानी नहीं सूखने की दशा में मूंग, उरद व मक्के की खेती कर इसकी भरपाई कर सकते हैं। प्रगतिशील किसान राकेश सिंह व जयप्रकाश सिंह ने खेत की सिंचाई के लिए दिन में बिजली दिए जाने की मांग किये। इस दौरान चंद्रा पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया तथा गायक बलवंत सिंह व अमित यादव ने अपने गानों से किसानों का मनोरंजन किया। इस दौरान महिला किसानों को कृषि यंत्र पर अनुदान की राशि भी प्रदान की गई। कार्यक्रम का संचालन राजेश श्रीवास्तव ने किया। इसमें परियोजना निदेशक रामबाबू, जिला कृषि अधिकारी सोमप्रकाश गुप्ता, डा. आकांक्षा सिंह, डा. डा. सुमित गुप्ता, डा. जितेंद्र सिंह कुशवाहा, रामलेश मौर्य, वीपी सिंह चंदेल, रामदयाल राय आदि शामिल थे।



