Azamgarh news:पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के चित्रों पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए पुराने साल को विदाई देते हुए नए साल का आगाज।शिव मोहन शिल्पकार

Bidding farewell to the old year and ushering in the new year by paying homage to the portraits of former President Giani Zail Singh. Shiv Mohan Shilpkar

आजमगढ़।राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी एवं पूर्वांचल जन मोर्चा वं अखिल भारतीय ठठेरा कसेरा ताम्रकार महासभा व अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के संयुक्त तत्वाधान में महामहिम पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह साहब का परिनिर्वाण महोत्सव एवं स्वर्गीय परमपूज्नीय मां किशोरी देवी की पुण्यतिथि एवं पिता स्वर्गीय परम पूज्नीय प्रेमचंद शिल्पकार जी को श्रद्धांजलि एवं सम्मान समारोह मनाया गया कार्यक्रम मोर्चा कैंप कार्यालय कलेक्ट्री कचहरी नगर पालिका रोड आजमगढ़ उत्तर प्रदेश पर कार्यक्रम संपन्न हुआ

कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा के जिला अध्यक्ष प्रदेश सचिव रामसागर चौहान एवं संचालन जिलाप्रभारी चंद्रमी गौतम ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महासभा व मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश संयोजक रालोजपा उत्तर प्रदेश शिवमोहन शिल्पकार द्वारा महामहिम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया मुख्य अतिथि द्वारा उनके जीवन पर चर्चा करते हुए लोगों से उनके विचारधारा पर चलने का आवाह्न किया और सामाजिक गतिविधि पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि जातिगत जैसी कूटनीतियों को समाप्त करने की आवश्यकता है और कहा कि महामहिम देश के सातवें राष्ट्रपति थे सिख धर्म के विद्वान वह पंजाब के मुख्यमंत्री एवं देश के गृह मंत्री वह रक्षा मंत्री रहते हुए देश का सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पद से सुशोभित हुए अपनी इच्छा शक्ति सत्य निष्ठा के राजनीतिक कठिन रास्तों को पार करते हुए देश के विभिन्न पदों पर गौरवमई होते हुए देश की सेवा किया इनका जन्म 5 मई 1916 को ब्रिटिश हुकूमत में पंजाब प्रांत फरीदकोट से 4 किलोमीटर दूर संधवान ग्राम में हुआ था इनके पिता का नाम किशन सिंह था जब वह 11 माह के थे उनकी माता इनदर कौर का निधन हो गया देश का प्रेम उनके रगों में कूट-कूट कर भरा हुआ था उन्होंने मात्र 15 वर्ष की आयु में ही ब्रिटिश सरकार एवं सामंती ताकतों के खिलाफ काम कर रही अकाली दल की सदस्यता ले ली 1938 में प्रज्ञा मंडल नामक एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया जो भारतीय कांग्रेस से साथ मिलकर ब्रिटिश विरोधी आंदोलन किया करती थी जिसकी वजह से कई बार जेल गए और उन्हें 5 वर्ष की सजा सुनाई गई इन्हीं सब संघर्षों के कारण इनका नाम बदलकर जैल सिंह रख दिया गया 25 दिसंबर 1994 को एक कर दुर्घटना होने से उनका निधन हो गया अपने हक अधिकारों के लिए महामहिम के मार्गों पर चलना पड़ेगा और सामाजिक-आर्थिक के साथ राजनीतिक पहलुओं से होकर गुजरना होगा चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े एक जुटता का परिचय देना अति आवश्यक है कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारी कार्यकर्ता महामहीम के प्रति लोगों ने अपना अटूट विश्वास प्रकट करते हुए जनहित में सदा समर्पित रहने का संकल्प लिया और महामहिम के जीवन के एवं लक्ष्य के साथ विचारधारा में समर्पित रहने का सहमति भरी गई ! इसी क्रम में कार्यक्रम के दौरान सुमन आर्य एवं और अजय मोदनवाल रोहित गुप्ता ने भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी छोड़कर दर्जनों लोगों के साथ लोगों ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस जी के विचारधारा में आस्था रखते हुए पार्टी के सदस्यता ग्रहण किया और पार्टी के लिए सदा समर्पित रहकर समाज के हित के लिए सदा कार्य करेंगे पार्टी की नीतियों एवं निर्देशों का पालन कर जन जागृत करेंगे कार्यक्रम के दौरान अतिथि के रूप में नेता जुल्फेकार बेग, अधिवक्ता यशवंत सिंह चौहान,शायर ताज मोहम्मद आज़मी, रामनगीना धरकार एवं पत्रकार बंधु समेत सैकड़ो लोगों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही साथ कमजोरों वर्गों में करीब 251 कंबल वितरण किए गए और सामाजिक एकता को मजबूत करने का आवाहन किया गया! कार्यक्रम में उपस्थितसर्वश्री:- ,पुष्पा गौतम, सुलेखा यादव, शालू चौहान,मुन्नी यादव,, सुनीता विश्वकर्मा, पूनम श्रीवास्तव , सरिता गौतम, रिंकू भारती, गायत्री गौतम, लालमुनि कनौजिया, सुनीता भारती, ममता गौतम , कविता सरोज, पूजा सरोज, कंचन सोनकर,बालचंद जायसवाल, सत्येंद्र कुमार, लाल बिहारी गौतम,सुक्लेश प्रधान, सिकन्दर गौतम,नूरसबा मनिहार के साथ सैकडौ सैकड़ो के संख्या में लोग उपस्थित रहे!

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