बैतूल:भारत मुक्ति मोर्चा ने ईवीएम के खिलाफ शुरू किया चरणबद्ध आंदोलन,पहले चरण में 5 जनवरी को 567 जिलों के जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
मध्य प्रदेश बैतूल से शेख इकबाल की खास रिपोर्ट
बैतूल। विधान सभा चुनावों के नतीजे आने के बाद मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल के खिलाफ भारत मुक्ति मोर्चा, ने 4 चरणों में उग्र राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। आंदोलन के अंतिम चरण में 31 जनवरी को केन्द्रीय चुनाव आयोग कार्यालय, नई दिल्ली पर विशाल महामोर्चा निकालकर आंदोलन किया जाएगा। भारत मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामलाल युवने ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी के मामले में मोर्चा पहले भी चुप नहीं बैठा था और आज भी चुप बैठने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के पहले चरण में आज 5 जनवरी को बैतूल सहित देश भर में 567 जिलों के जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया। दूसरे चरण में 10 जनवरी को 567 जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन, तीसरे चरण में 14 जनवरी को 567 जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय पर रैली प्रदर्शन,चौथे चरण में 31 जनवरी को केन्द्रीय चुनाव आयोग कार्यालय, नई दिल्ली पर महामोर्चा निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा। भारत मुक्ति मोर्चा, के पदाधिकारियों ने कहा कि इस बार हम तब तक चैन से नही बैठेगे जब तक ईवीएम पर पूरी तरह रोक नही लगाई जाती। भारत मुक्ति मोर्चा संगठन का दावा है कि ईवीएम से कभी भी निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं हो सकता। ज्ञापन सौंपने वालों में बंसीलाल मासोदकर , पंजाबराव भालेकर, शिवदास जाऊरकर, विनोद पवार, एके चौकीकर, रघुनाथ चौरसिया, सरजेराव पाटील, बारेलाल, रामदास पंडाग्रे, मानक प्रसाद वाईकर, पिरथीलाल भूमरकर, जगदीश वाईकर, ए.आर. भूमरकर डीआर झरबडे, एम.एल. चौरसिया, एनपी चौकीकर, एस गुजरे, महादेव पाटिल डी. यस. मर्सकोले, ए.यू .खान आदि शामिल थे।
— इन मुद्दों को लेकर किया जा रहा आंदोलन–
टेक्नोलॉजिकली एडवांस्ड देशों में भी ईवीएम पर पाबंदी लगाई है तो भारत में ईवीएम को क्यों चलाया जा रहा है? 3.5% अल्पसंख्यक ब्राह्मणों की जनाधार खोती हुई राष्ट्रीय पार्टियों को ईवीएम ने मदद की, 8 अक्टूबर 2013 का सुप्रीम कोर्ट का व्हि व्हि.पी. ए. टी. लगाने का लैंडमार्क जजमेंट, सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग के साथ मैनेजमेंट, चुनाव आयोग के द्वारा पुरानी मशीनों का इस्तेमाल, 2014 में वीवीपीएटी मशीन न के बराबर लगाया, 2014 के लोकसभा चुनाव में घोटाला करने के सबूत, चुनाव आयोग के विरोध में बामसेफ का कंटेप्ट ऑफ कोर्ट का केस, ईवीएम घोटाले को बरकरार रखने हेतु चुनाव आयोग के द्वारा नए रूल बनाए गए, 2019 का लोकसभा चुनाव में बीजेपी का सबसे बड़ा घोटाला, 1 जून 2019 चुनाव आयोग की चुनाव के प्रोविजनल आकड़े जारी करने संबंधी प्रेस नोट, वीवीपीएटी मशीन से निकलने वाली पर्चियां चुनाव आयोग ने 4 महीने में क्यों नष्ट कर दी ? बीजेपी के द्वारा लोकसभा चुनाव पर करोड़ों रुपए का खर्चा, ईवीएम में घोटाला नहीं होता है यह चुनाव आयोग का झूठा दावा, चुनाव आयोग को 112 लोगों के सवाल, जिसका चुनाव आयोग ने अभीतक जवाब नहीं दिया, ईवीएम को लेकर अपोजिशन पार्टीयों की मीटिंग,, आरटीआई के द्वारा 20 लाख ईवीएम मशीनों की मिसिंग का मामला, ईवीएम का पेटेंट ना होना इसका मतलब ईवीएम पर विश्वास कैसे किया जाए, चुनाव आयोग की ई सी आई एल और बी ई एल कंपनी को गोपनीय सॉफ्टवेयर प्रोग्राम शेयर करने के लिए खुली छूट, 3.5 प्रतिशत ब्राह्मणों की 5-6 राष्ट्रीय पार्टियां निर्माण करने में अहम भूमिका आदि मुद्दों को लेकर घोषित चरणबद्ध आंदोलन के पहले चरण में 5 जनवरी को देश के 567 जिलों के जिला मुख्यालय से महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया।